मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के खिलाफ जदयू के भूमिहार सांसद व विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है। बेतिया में सीएम के दिए गए विवादास्पद बयान के बाद मामला तुल पकड़ता जा रहा है। जदयू के भूमिहार सांसद केसी त्यागी ने सीएम को संयमित भाषा का इस्तेमाल करने की नसीहत दी है। विधायकों ने जहां मांझी के खिलाफ आक्रमक व अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया, वहीं केसी त्यागी मर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया।
नौकरशाही डेस्क
जदयू के विधायक सुनील पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए, जिससे कि समाज में भेदभाव उत्पन्न हो। उन्होंने विधायक दल की बैठक फिर से बुलाये जाने की मांग की और कहा कि बैठक में नेतृत्व के लिए राय लेना जरुरी हो गया है। विधायक गजानंद शाही ने कहा कि श्री मांझी के इस तरह के वक्तव्य से पार्टी को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री श्री कुमार ने एड़ी चोटी का जोर लगाकर पार्टी को एकजुट रखा था और उनके प्रयास के कारण ही बिहार की पहचान देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बनी है।
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा था कि मुख्यमंत्री ने सवर्णों के संबंध में जो बयान दिया है, वह गलत है और उन्हें इतिहास के पन्नों को देखना चाहिये। जदयू का मानना है कि मुख्यमंत्री हो या आम आदमी, सबका नजरिया समाज को जोड़ने वाला होना चाहिये। जदयू के चर्चित बाहुबली विधायक अनंत सिंह ने भी इसपर खुलकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने श्री मांझी को तुरंत मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग करते हुए कहा कि उनके अनगर्ल बयानों से पार्टी को नुकसान हो सकता है।