यूपी में मायावती ने भले ही मुलायम सिंह के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया है लेकिन चर्चा है कि उन्होंने असददुद्दीन ओवैसी की पार्टी से अपना गठबंधन अंदरखाने में तय कर लिया है.mayawati_oisi

नौकरशाही ब्यूरो

हालांकि आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा नहीं की गयी है. लेकिन असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलेमीन के सूत्रों की मानें तो यह गठबंधन तय है. बसपा के भी कई नेता स्वीकार कर चुके हैं कि प्रदेश में बसपा और एआईएमआईएम का गठबंधन हो चुका है, सिर्फ घोषणा बाकी है.

इससे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक समारोह में कहा था कि समाजवादी पार्टी मायावती की बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन बना कर चुनाव लड़ सकती है. हालांकि उनके इस बयान के तीसरे दिन मायावती ने सपा के साथ किसी भी तरह के गठबंधन को साफ नकार दिया था.

यूपी में 2017 में चुनाव होले वाले हैं.

मायावती, मुलायम सिंह के मुस्लिम वोट बैंक को बड़े पैमाने पर सेंध लगाने की कोशिश में हैं. 2012 में हुए चुनाव में मायावती को मुस्लिम वोट के कारण ही करारा झटका लगा था. लेकिन अगर वह ओवैसी की पार्टी से गठबंधन करती हैं तो इसका उन्हें काफी लाभ मिलने की उम्मीद है. अगर वह ये गठबंधन बना लेती हैं तो 15 प्रतिशत दलित मतों के अलावा उन्हें मुसलमानों के 19 प्रतिशत मतों को अपनी तरफ करने में काफी मदद मिलेगी. इसके अलावा मायावती की नजर ब्रह्मण वोटों पर है. ब्रह्मणों की भी राज्य में खासी आबादी है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा और कांग्रेस के विरोधी ब्रह्मण वोटों के सहारे मायावती कामयाब होने के फार्मुले पर काम भी कर रही हैं.

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