दिल्ली में विश्व हिंदू कांग्रेस के दौरान घृणा फैलाने वाला एक पर्चा बांटा गया है जिसमें मार्क्सिस्ट, मिशनरीज, मैटेरियलिज्म, मैकॉलयवाद और मुस्लिम अतिवाद को हिंदुओं का सबड़ा दुश्मन बताया गया है.
विश्व हिंदू कांग्रेस का आयोजन दिल्ली में 21-23 नवम्बर को आयोजित हुआ जिसमें विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल ने एक विवादित बयान दिया था कि 800 वर्षों के बाद भारत में पहली बार हिंदुओं का शासन शुरू हुआ है. सिंघल के इस विवादित बयान की भी चर्चा चल ही रही ती कि इसी बीच घृणा फैलाने वाले इस पर्चे ने एक और सनसनी फैला दी है.
टू सर्किल डॉट नेट के अनुसार एक पन्ने के दोनों तरफ प्रकाशित इस पर्चे को प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ने प्रकाशित किया है जिसमें अपमानजनक शब्दों का उपयोग करते हुए ‘मलेसियस-5’ यानी पांच दुष्ट का उल्लेख किया गया है.
इस पर्चे को शनिवार के दिन शिक्षा पर आयोजित सत्र के दौरान बांटा गया. पर्चे में उल्लेखित ‘पांच दुष्टों’ के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी है. हिंदुत्व के खिलाफ पहले दुष्ट मार्क्सिजम के बारे में बताया गया है कि यह यह हिंदू धर्म और हिंदू समाज को कमजोर करने और तोड़ने के प्रयास में जुटा है.
पर्चमें कहा गया है कि ये ‘पांच दुष्ट’ अपनी पांच उंगलियों से हिंदुओं पर अलग-अलग रूप में हमला बोलते हैं. मार्क्सवाद, माओवादियों के रूप में गुरिल्ला बन कर आक्रमण करता है जबकि दूसरी तरफ यह जिहादी के रूप में हिंदुओं पर आक्रमण करता है. जबिक उसकी एक उंगली हमारी संस्कृति पर ‘किस ऑफ लव’ से प्रहार करती है.
पर्चे में प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ने दवा किया है कि इन ‘पांच दुष्टों’ को हिंदू संगठन भलिभांति पहचानते हैं. इस फाउंडेशन का विश्व हिंदू परिषद से सम्पर्क के बारे में स्प्ष्ट रूप से पता नहीं चला है.
मार्क्सवाद का दानव पंजा
इस पर्चा में मार्क्सवाद को दानवी पंजा कहके संबोदित करते हुए बताया गया है कि मार्क्सवाद की भूमिका इस पंजे में अंगूठे के समान है जो कभी कम्युनिस्ट के रूप में तो कभी समाजवाद, उदारवाद और माओवाद के रूप में सामने आता है. पर्चे के अनुसार वामपंथ ने शिक्षा, पत्रकारिता और पर्यावरण समेत भारत के विभिन्न तंत्रों को अपने कब्जे में ले रखा है.
पर्चे में कहा गया है कि मार्क्सवाद अकसर मुसलमानों के पक्ष में खड़ा हो जाता है और उन्हें मदद पहुंचाता है. यह वही मार्क्सवाद है जो इस्लाम के खूनी इतिहास पर भी पर्दा डालता है. पर्चे में यहां तक कहा गया है कि वामपंथियों हमेशा हिंदुओं को साम्प्रदायिक और मुसलमानों को सेक्युलर घोषित करता रहा है.
इस्लाम का जहर
इस पर्चे में ‘मालेसियस-5′ के आखिरी एम’ यानी मुस्लिम अतिवाद का उल्लेख करते हुए ‘एम-5’ को इस्लाम का जहरीला फल घोषित किया गया है. इसमें कहा गया है कि यह मुसलमानों का ब्रेनवाश करता है ताकि वे जिहाद के नाम पर ब्लैकमेल कर सकें. पर्चे में कहा गया है कि ये पांचों दानव मिलकर हिंदू राष्ट्रवाद के उभार को पस्त करने में लगे हैं. पर्चे में इस्लाम के खिलाफ लम्बी लड़ाई की बात कही गयी है.
ईसाई मिशनरी पर हमला
मिशनरीज यानी ईसाइयों के बारे में भी इस पर्चे में ऐसे ही घृणित शब्दों से संबोधित किया गया है और बताया गया है कि मिशनरीज पूरब में ईसाइयत के रूप में पांव पसार रही है. मिशनरीज के बारे में विस्तार देते हुए आरोप लगाया है कि उसने भारत में मैकाले की शिक्षा नीति के जरिये अपने उद्देश्य पूरे करने में लगा है जो भारत के हिंदू समाज के खिलाफ है.
तीन दिनों तक चलने वाले इस विश्व हिंदू कांग्रेस में चालीस देशों के 1500 नुमाइंदों ने हिस्सा लिया. इस अवसर पर आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं ने भी भाग लिया.
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