राष्ट्रपति चुनाव की गहमागहमी सूरज ढलने के साथ मंद पड़ने लगी थी। 10 से 12.30 बजे के बीच अधिकतर विधायक अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके थे। साढ़े 12 से डेढ़ के बीच एकाध विधायक आकर अपना वोट डाल रहे थे। डेढ़ बजे तक वोटिंग का काम लगभग समाप्त हो चुका था।
वीरेंद्र यादव
लगभग सवा नौ बजे से ही विधायक मतदान के लिए विधानसभा पहुंचने लगे थे। 10 बजे से मतदान शुरू हुआ और पहला वोट भाजपा के संजय सरावगी ने डाला। इसके बाद विभिन्न पार्टियों के विधायक बारी-बारी से अपना मत डाल रहे थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, माले के विधायकों ने मीरा कुमार के पक्ष में मतदान किया तो निर्दलीय विधायकों ने रामनाथ कोविंद के पक्ष में मतदान किया। पूर्व घोषणा के अनुसार, राजद व कांग्रेस ने मीरा कुमार और भाजपा, जदयू, रालोसपा, हम और लोजपा के विधायकों ने रामनाथ कोविंद के पक्ष में मतदान किया।
विधान सभा स्थित उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के कक्ष में राजद व कांग्रेस विधायकों की हाजिरी लग रही थी तो संसदीय कार्यमंत्री श्रवण
कुमार के कक्ष से जदयू विधायकों पर निगाह रखी जा रही थी। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार के कमरे में भाजपा विधायकों का जमावड़ा लगा हुआ था। सभी पार्टियों ने अपने-अपने विधायकों की लिस्ट जिलावार और क्षेत्रवार बना रखी थी। जो सदस्य वोट डाल ले रहे थे, उनके नाम के आगे टिक लगा दिया जा रहा था। लिस्ट की निगरानी और सदस्यों को बुलाने की जिम्मेवारी भी पार्टियों ने बांट रखी थी।
विधान सभा के 243 सदस्यों में से 241 सदस्यों ने पटना में मतदान किया, जबकि एक सदस्य वीरेंद्र सिन्हा ने अपना मतदान उत्तराखंड विधान सभा में किया। भाजपा के सदस्य आनंद भूषण पांडेय बीमार होने के कारण मतदान में हिस्सा नहीं ले सके।