बिहार के विधायकों की इन दिनों बल्लेेे-बल्ले है. हर दिन जो विभाग बजट पेश कर रहा है वह माननीय सदस्यों को गिफ्ट से माला-माल कर रहा है.
शुक्रवार को चूंकि तीन विभागों का बजट पेश किया गया तब नतीजा यह हुआ कि विधायकों के गिफ्ट की हालत यह हो गयी कि वे अकेल ले कर चल पाने की स्थिति में नहीं थे. शिक्षा विभाग ने तो हद ही कर दी. उसने हरेक विधायक को माइक्रोवेव ओवन का तोहफा दिया.
पथ निर्माण विभाग ने सैमसंग मोबाइल के तोहफे दिये तो किसी अन्य विभाग ने कीमती सूट केस दिये. जाहिर है विधान सभा के 243 सदस्यों के अलावा विधान परिषद के सदस्य भी इन तोहफों से गद गद हो रहे हैं. नौकरशाही डॉट इन को पता चला है कि कई पत्रकार भी इन तोहफों के लिए लालायित थे. कुछ पत्रकारों ने भी पिछले दरवाजे से तोहफे हथिया लिये.
[box type=”shadow” ]हां इस मामले में सीपीआई (माले) की तारीफ करनी पड़ेगी जिसके सदस्यों ने ये तोहफे नहीं लिये. जबकि कई ऐसे पत्रकार भी दिखे जो गिफ्ट के लिए चिरौरी करते पाये गये.[/box]
लैपटाप भी बांटे गये हैं पहले
यह सही है कि विधायकों को गिफ्ट देने की परम्परा इस वर्ष से नहीं शुरू की गयी है. इसके पहले भी बजट सत्र में तोहफे बांटे जाते रहे हैं. कुछ वर्ष पहले विधान सभा सदस्यों को तो लैपटॉप दिये गये थे. उस वक्त यह तर्क दिया गया था कि विधायकों को इंटरनेट का इस्तेमाल करना है. लेकिन इस तरह की परम्परा से सरकार को यह सोचना चाहिए कि विधायकों को करोड़ो रुपये का गिफ्ट दे कर गरीबों की गाढ़ी कमाई को बेरहमी से बांटने का कोई तुक भी है या नहीं.
हां इस मामले में सीपीआई (माले) की तारीफ करनी पड़ेगी जिसके सदस्यों ने ये तोहफे नहीं लिये