उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में आसान और निर्बाध राज्य के अन्तर्गत व अन्तरराज्यीय माल परिवहन के लिए 01 फरवरी से प्रभावी राष्ट्रीय ई-वे बिल प्रणाली की शुरूआत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य के माल के अन्तरराज्यीय परिवहन तथा राज्यान्तर्गत 2 लाख रुपये मूल्य से अधिक के मालों के परिवहन लिए ई वे बिल की आवश्यकता होगी.
नौकरशाही डेस्क
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अलग-अलग राज्यों में माल के परिवहन के लिए अब अलग से ट्रांजिट पास की जरूरत नहीं होगी. वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी माल लदे वाहनों की जांच कर सकेंगे मगर किसी भी वाहन को 30 मिनट से ज्यादा नहीं रोकेंगे. उपमुख्यमंत्री ने कारोबारियों व परिवहनकर्ताओं से राजस्व संग्रह में सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि ई वे बिल जेनरेट करना काफी सरल है. इसके पूर्व राज्य में ‘सुविधा’ के नाम से लागू प्रणाली में रोड परमिट लेने के लिए 26 प्रकार की सूचना देनी होती थी, जबकि राष्ट्रीय ई वे बिल के अन्तर्गत केवल 9 तरह की ही सूचना देनी होगी. पेट्रोलियम उत्पाद जो जीएसटी से बहार के परिवहन के लिए ई वे बिल की जरूरत नहीं होगी.
उन्होंने कहा कि ई वे बिल की व्यवस्था पहले 01 अप्रैल से लागू होने वाली थी. मगर जीएसटी लागू होने के बाद देश भर के चेक पोस्ट समाप्त कर देने से बगैर कर चुकाए मालों की आवाजाही से राज्यों को राजस्व की काफी क्षति हो रही थी. इसके मद्देनजर जीएसटी कौंसिल ने 01 फरवरी से ही ई वे बिल प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया. प्रयोग के तौर पर कर्नाटक में सितम्बर से ही ई वे बिल लागू कर दिया गया था, जो काफी सफल रहा. शेष बचे राज्यों में भी ई वे बिल प्रणाली 01 जून से लागू हो जायेगी.