भाजपा नेता व पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने गुरूवार को कहा कि लालू प्रसाद के इशारे पर जो सरकारी अधिकारी 90 लाख रुपये का मिट्टी घोटाला दबाने में लगे हैं, उन्हें नौकरी से हाथ धोकर जेल जाना पड़ सकता है. मोदी ने अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा कि उन्हें याद रखना चाहिए कि करोड़ों रुपये के चारा घोटाले में लालू प्रसाद का साथ देने वाले आधा दर्जन अधिकारियों को जेल जाना पड़ा था.
नौकरशाही डेस्क
उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिये कहा कि 5 लाख घनफुट मिट्टी को तीन महीने में हाइवा ट्रक की 1 हजार ट्रिप लगाकर पटना जू पहुंचाया गया. इतनी मिट्टी लालू प्रसाद के निर्माणाधीन माल के दो अंडर ग्राउंड फ्लोर के अलावा कहां से मिल सकती थी? उन्होंने कहा कि इस मिट्टी की कीमत बिहार वन्यप्राणी संरक्षण कोष से चुकायी गई, जबकि 334.41 करोड़ रुपये से गठित संरक्षण कोष के ब्याज की राशि केवल वन्य प्राणियों के संरक्षण पर खर्च की जा सकती है. मोदी ने पूछा कि कोष के अध्यक्ष के नाते मुख्य सचिव बतायें कि मिट्टी भरायी से प्राणी संरक्षण का क्या वास्ता है? क्या इसके लिए उनसे अनुमति ली गई थी?
मोदी ने इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से चुप्पी तोड़ने की अपील करते हुए कहा कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने पटना जू के लिए जिस मास्टर प्लान और मास्टर ले-आउट को स्वीकृति दी, उसमें भी मिट्टी भरायी के काम का कोई उल्लेख नहीं है. राज्य सरकार बताये कि बिना प्लान और बिना स्वीकृति के 90 लाख की मिट्टी भरायी का काम कैसे हुआ?
गौरतलब है कि भाजपा नेता सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि पटना चिडिया खाना में 90 लाख रुपये की मिट्टी भराई का काम बिना टेंडर के उस कम्पनी को दिया गया था, जिसका संबंध वन एंव पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव से है. उधर कथित तौर पर इस मामले की जांच का आदेश मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने दे दिया है.