मिला आशा की सेवा को सम्मान

बिहार सरकार ने जब विशिष्ट सेवा मेडल के लिए पुलिस अधिकारियों के नामों की अनुशंसा राष्ट्रपति को भेजी तब सुश्री आशा ठाकुर इंस्पेक्टर थीं. लेकिन सम्मान मिलने से पहले वह डीएसपी बन चुकी थीं. आशा ठाकुर ने इस सम्मान पर अपनी खुशियां नौकरशाही डॉट कॉम से साझ की.

मिला आशा की सेवा को सम्मान
मिला आशा की सेवा को सम्मान

नौकरशाही डेस्क

आशा ठाकुर बताती हैं कि 2016 का विशिष्ट सेवा पद से पहले उन्हें राष्ट्रपति द्वारा सराहनीय सेवा का पदक भी मिल चुका है. तब उन्हें सराहणीय सेवा मेडल 2011 में मिला था.

एक सधारण परिवार से आने वाली आशा ने 1985 में बिहार पुलिस के लिए सबइंस्पेक्टर के तौर चुनी गयीं. तब से आज तक 30 साल की सेवा बिहार पुलिस के विभिन्न विभागों को दे चुकी हैं. फिलवक्त निगरानी अनुवेषण व्यूरो में  डीएसपी के पद पर तैनात है. उन्होंने सात साल पहले निगरानी विभाग में ज्वाइन किया था.

इन सात सालों में निगरानी विभाग में अनेक महत्वपूर्ण अनुसंधान और जांच को अंजाम तक पहुंचाया है. हालांकि आशा गोपनीयता बरतने के कारण अपने अनुसंधान पर कुछ भी कहने से गुरेज करती हैं. लेकिन उनके महकमें में उनसे वरिष्ठ अफसर पर काम कर चुके एएसपी सुशील कुमार काम के प्रति आशा ठाकुर के समर्पण की तारीफ करते हुए कहते हैं कि उनके अंदर जिम्मेदारियों को निभाने की ललक है. वह हमेशा अपने काम के प्रति सजग और समय की पाबंद रही हैं.

आशा ने निगरानी विभाग में सात सालों के अंदर अनेक धावा दल का नेतृत्व भी किया है. इस दौरान भ्रष्ट लोकसेवकों को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार भी किया गया है.

वैशाली जिले की मूल निवासी आशा ठाकुर की शादी मुंगेर के एक व्यापारी से हुई. पति-पत्नी के काम में असमानता के बावजूद आशा ठाकुर को अपने पति से भरपूर सहयोग मिला. आशा ने निगरानी अनुवेषण ब्यूरो के अलावा भारतीय रेलवे के अलावा अनेक थानों में अपनी सेवा दे चुकी हैं.

आशा मानती हैं कि पुलिस बल जैसे भागदौड़ वाले क्षेत्र में महिलाओं के लिए सामंजस्य स्थापित करना पुरुषों के बनिस्बत जरा कठिन है फिर भी उनका कहना है कि काम और जिम्मेदारियों के प्रति समर्पण का भाव हो तो सब कुछ आसान हो जाता है.

बिहार सरकार ने पुलिस बल में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था जब से लागू की है तब से महिलाओं की रूची इस क्षेत्र में काफी बढ़ी है. ऐसे में आशा ठाकुर जैसी पुलिस अफसर से नयी पीढ़ी की महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी.

 

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427