केंद्र सरकार ने मीडिया को उसकी औकात बताने की शुरुआत कर दी है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया के साथ संबंध का बखान किया था और आज सूचना प्रसारण मंत्री ने मीडिया की सीमाएं तय करने की कोशिश की। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मीडिया से सनसनी फैलाने की होड़ में शामिल होने के बजाए समाज में रचनात्मक बदलाव के लिए मिशन मोड में काम करने का आह्वान किया है।
श्री जावडेकर ने दक्षिण एशिया में मीडिया की भूमिका पर आयोजित दो दिवसीय एक संगोष्ठी साउथ एशिया डायलाग को संबोधित करते हुए नई दिल्ली में कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में मीडिया के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यह समझने की है कि क्या वह समाज की सोच के साथ चल रहा है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक जिम्मेदार मिशन है और समाज के पुनर्जागरण में मीडिया की भूमिका बेहद अहम है। मीडिया को बदलाव के एजेंट की भूमिका निभानी चाहिए।
श्री जावडेकर ने कहा कि मीडिया को विज्ञापन, टीआरपी और सर्कुलेशन बढ़ाने की होड़ में शामिल होने से बाहर निकलना चाहिए और समाज की बेहतरी के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देशों के बीच रिश्तों की रिपोर्टिंग किए जाते समय संवदेनाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए। भारत का डिफेंस थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फार डिफेंस स्टडीज एंड एनलाइज हर वर्ष साउथ एशिया डायलाग का आयोजन करता है। इसमें दक्षिण एशिया क्षेत्र के नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों. नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और युवा पेशेवरों को साझा हित के विचारों का आदान-प्रदान करने का मौका मिलता है।