पटना में मक्र संक्रांति भोज में लालू प्रसाद द्वारा नीतीश कुमार को दही तिलक लगा कर पत्रकारों को दी गयी चेतावनी की गूंज वशिष्ठ नारायण के भोज तक सुनी गयी जबकि वशिष्ठ, नेता और नीति का मतलब समझाते रहे.
नौकरशाही न्यूज
दर असल लालू प्रसाद पिछले कुछ दिनों से गठबंधन के रिश्तों और कानून व्यवस्था पर मीडिया के रवैये का जवाब खोज रहे थे. सो उन्होंने मकरसंक्रांति समारोह पर एक अनोखे अंदाज में इसका जवाब दिया- पहले नीतीश कुमार के माथे पर दही का तिलक लगाया और फिर मीडिया से मुखातिब हुए. कहा कि देखो मीडिया के लगों अफवाह उड़ाना बंद करो. अब तुम लोगों को कोई संशय नहीं रहना चाहिये. मैंने नीतीश कुमार के माथे पर दही का तिलक लगा दिया है. इतना ही नहीं लालू ने यह भी कहा कि गठबंधन के रिश्ते पर बहुत लोगों को खटमल काट रहा है. इसलिए एक बार फिर नीतीश कुमार के माथे पर तिलक लगा रहा हूं.
दर असल पिछले दिनों दरभंगा में मेडिकल अफसर को फोन कर लालू ने ममता कार्यकर्ताओ के संबंध में जानकारी ली थी. इसके बाद उन पर आरोप लगाये जाने लगे थे कि वह सुपर सीएम की तरह काम कर रहे हैं.
वशिष्ठ को उम्मीद बिहार दिखायेगा राह
लालू प्रसाद के आवास पर मक्र संक्रांति भोज के बाद पत्रकारों का जुटान जद यू अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के भोज में हुआ. पटना क्लब में वशिष्ठ नारायण सिंह पत्रकारों को नीति और नेता के अर्थ समझा रहे थे. देश में कार्पोरेट कल्चर के आक्रमण से गरीबों पर पड़ने वाले असर की व्याख्या करते हुए वशिष्ठ, लालू-नीतीश को उससे लड़ने वाले योद्धा के रूप में पेश कर रहे थे. वह बता रहे थे कि बिहार ने विकट परिस्थितियों में देश को रास्ता दिखाया है. अब बिहार के मार्ग पर देश चलेगा.
लालू प्रसाद के आवास से दही चूड़ा खा कर जब लालू, नीतीश वशिष्ठ नारायण के भोज में पहुंचे तो वहां पत्रकारों की टोली भी पहुंची. खबरों को टेलिकास्ट या अपलोड करने के पहले पत्रकारों द्वारा खबरों में ऐंगल पर होने वाली बहसों में ‘दही तिलक’ ही चर्चा का विषय था. एक पत्रकार ने इसका मतलब निकालते हुए कहा कि दही तिलक से लालू यह आभास देना चाह रहे थे कि नीतीश बिहार की कमान संभालेंगे और लालू दिल्ली कूच करेंगे.