वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राफेल सौदे से जुड़े दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी होने और उस फाइल पर आधारित खबरें प्रकाशित होने के संबंध में गुरुवार को कहा कि प्रेस की आजादी महत्वपूर्ण है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। 

मंत्रिमंडल में लिये गये निर्णयों की जानकारी देने के बाद संवाददाताओं द्वारा इस संबंध में पूछे जाने पर श्री जेटली ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने भी राष्ट्रीय सुरक्षा को अपवाद माना था और आजादी के बाद पिछले 72 वर्षों  में कभी भी इसको चुनौती नहीं दी गयी।

उन्होंने कहा कि भारत में मीडिया स्वतंत्र है, लेकिन यह भी सच्चाई है कि राफेल के मामले में देश के लिए बहुत ही संवेदनशील रक्षा से जुड़े नोट लीक हुए हैं। उन्होंने कहा कि अदालत में जो चल रहा है वह अदालत पर छोड़ दिया जाना चाहिए।

श्री जेटली ने राफेल से जुड़ी फाइल के रक्षा मंत्रालय से गायब होने के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि श्री गांधी पार्टी के नेताओं के वक्तव्यों से छवि खराब होने से ध्यान हटाने के लिए इस सौदे पर गलत जानकारी दे रहे हैं। राफेल पर उच्चतम न्यायालय निर्णय दे चुका है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट आ चुकी है। याचिकाकर्ताओं ने दोबारा याचिका दाखिल की है। उच्चतम न्यायालय सुनवाई कर रहा है।

इस बीच प्रेस क्लब और भारतीय महिला प्रेस कोर्प तथा प्रेस एसोसियेशन ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर गहरी आपत्ति जतायी है। वक्तव्य में एटर्नी जनरल के के वेणुगोपाल द्वारा उच्चतम न्यायालय में कल दिये गये बयान पर कड़ी नाराजगी जतायी गयी है। एटर्नी जनरल ने कहा था कि रक्षा मंत्रालय से चोरी हुई फाइल के आधार पर एक प्रमुख समाचार पत्र में राफेल सौदे से जुड़ी खबरे प्रकाशित की जा रही है। बयान में कहा गया है कि चौथे स्तंभ पर दोहरी जिम्मेदारी है जिसमें जनहित के साथ ही सत्तारूढ दल या किसी अन्य के विरोध में सवाल उठाना भी शामिल है जो उसका नैतिक दायित्व भी है।

By Editor


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