किसी महिला के गले से सोने की हार झपट कर भागने वाले और पेट्रोलियम मंत्रालय से गोपनीय दस्तावेज चुराने वाले चोरों में बड़ा चोर कौन है? मीडिया चेन स्नेचर का नाम मसाले लगा कर बताता है पर बड़े चोरों के नाम बताने पर उसके माथे पर पसीना आ रहा है?
स्वाभाविक तौर पर चोर, चोर ही होते हैं लेकिन किसी के गले से सोने की हार चुराने वाला चोर किसी एक व्यक्ति को क्षति पहुंचाता है लेकिन अगर कोई आदमी मंत्रालय से गोपनीय कागजात चुराता है तो इसका डायरेक्ट असर देश की 125 करोड़ जनता पर पड़ता है. लेकिन हैरत में डालने वाली बात यह है कि बड़ी कम्पनियों के इन आरोपी चोरों के नाम उजागर करने में ज्यादातर अखबार बचने की भरसक कोशिश कर रहे हैं. जबकि हर अखबार चेनस्नेचर का नाम, उसके पिता का नाम, घर का पता और उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि तक उजागर कर के सनसनी फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ते.
देश की सुरक्षा, संप्रभुता और गोपनीयता से खिलवाड़ करने वाले इन आरोपी चोरों के नाम बताने का साहस कई अखबारों ने तो किया ही नहीं है. और अगर कुछ अखबारों ने यह साहस दिखाया भी है तो चलते-चलाते ही उनका जिक्र किया जा रहा है. क्या यह कार्पोरेट हितों की रक्षा का मामला है? लेकिन देश की जनता को चेन स्नेचर का नाम जानना जितना जरूरी है उससे कहीं जरूरी है उन चोरों का नाम जानना जो देश की सुरक्षा, गोपनीयता और संप्रभुता के लिए खतरा हैं.
हम यहां दैनिक जागरण द्वारा बताये गये उन आरोपियों के नाम साझा कर रहे हैं जिनके ऊपर पेट्रोलियम मंत्रालय को गोपनीय कागजात चुराने के आरोप हैं और जिन्हें अरेस्ट कर लिया गया है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कॉरपोरेट मामलों के प्रबंधक शैलेश सक्सेना, एस्सार के उपमहाप्रबंधक विनय कटियार, केयर्न्स इंडिया के महाप्रबंधक केके नाइक, जुबिलेंट एनर्जी के सीनियर एक्जीक्यूटिव सुभाष चंद्रा व एडीएजी रिलायंस के उपमहाप्रबंधक ऋषि आनंद
फोटो- बड़ी कम्पनियों के आला अफसरान जिन्हें पेट्रोलियम मंत्रालय से गोपनीय कागजात चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. फोटो साभार भास्कर