बिहार सरकार मीडिया के साथ बेहतर संबंध के लिए प्रशासनिक व रणनीतिक प्रयास शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बयानों को लेकर खड़े होने वाले विवाद से बचने के लिए सूचना व जनसंपर्क विभाग ने प्रयास तेज कर दिया है। यह विभाग अभी मुख्यमंत्री के पास ही है। विभाग के निदेशक विपिन कुमार सिंह ने गुरुवार को मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक आयोजित की और इस मुद्दे पर विस्तृत विमर्श भी किया।
बिहार ब्यूरो
मीडिया से समन्वय के लिए नियुक्ति होंगे नोडल अधिकारी
निदेशक ने कहा कि सरकार और मीडिया के बीच बेहतर समन्वय से ही खबरों को सही परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है। कई बार खबरें संदर्भ से काट पर प्रकाशित और प्रसारित होती हैं। इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ने के साथ खबरों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए जाते हैं। श्री सिंह ने कहा कि कई बार सरकारी विभागों को लेकर एक पक्षीय खबर प्रकाशित या प्रसारित की जाती है, जबकि सरकार का पक्ष नहीं लिया जाता है। इस कारण सरकार ने तय किया है कि हर विभाग में मीडिया से समन्वय के लिए नोडल पदाधिकारी नियुक्त किए जाएंगे, जो मीडिया को अपेक्षित सूचनाएं और संदर्भ उपलब्ध कराएंगे।
उन्होंने कहा कि अब हर महीने के दूसरे मंगलवार को जनसंपर्क विभाग द्वारा विभिन्न विभाग के नोडल अधिकारियों व मीडिया की संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी। इसके साथ विभाग जल्द ही मीडिया, जनसंपर्क अधिकारी व नोडल अधिकारियों की वर्कशॉप भी आयोजित करेगा, जिसमें सरकार की भूमिका व सीमा, मीडिया का हस्तक्षेप और खबरों के विविध पक्षों पर चर्चा होगी। इसका मकसद मीडिया और सरकार के बीच बेहतर तारतम्य व समन्वय बनाना है। बैठक में पत्रकारों ने भी सरकार की मंशा को लेकर सवाल उठाए और इस प्रयास को मीडिया पर सेंसर की आशंका भी जतायी। हालांकि दोनों पक्षों ने माना कि खबरों के सही संदर्भ और विश्वसनीयता के लिए निरंतर संवाद जरूरी है। बैठक में विभाग के ओएसडी दीपक कुमार सिंह, उपनिदेशक नीलम पांडेय, सहायक निदेशक नीना झा समेत बड़ी संख्या में मीडिया के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।