मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक अण्णे मार्ग यानी सीएम हाउस से सटे है नेता प्रतिपक्ष #tejswiyadav का सरकारी बंगला पांच देशरत्न मार्ग। इसी सड़क पर है फोर केजी यानी सीएम सचिवालय। केजी यानी किंग्स जॉर्ज। सचिवालय से राजभवन तक जाने वाली सड़क का पुराना नाम यही था। नया नाम देशरत्न मार्ग है।
पांच देशरत्न मार्ग में जाने के दो रास्ते हैं। एक देशरत्न मार्ग से और दूसरा सर्कुलर रोड से। भवन निर्माण मंत्री रहते हुए तेजस्वी यादव ने इस आवास को अण्णे मार्ग के समक्ष बनाने की पूरी कोशिश की थी। तेजस्वी को बंगला उपमुख्यमंत्री के रूप में आवंटित हुआ था। सत्ता गयी तो बंगला पर ग्रहण लग गया। नीतीश के नये ‘जूनियर सीएम’ सुशील मोदी ने उपमुख्यमंत्री के रूप में बंगला पर दावा ठोक दिया। दावे को पुख्ता करने के लिए राजद के अन्य पूर्व मंत्रियों को भी बंगला खाली करने का फरमान जारी कर दिया गया। लेकिन बंगला खाली करवाने का खेल ‘शब्दों’ उलझ गया।
आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पांच नंबर में पत्रकारों के लिए दोपहर का भोज का आयोजन किया था। इसे नाम दिया गया – प्रेस प्रतिनिधियों के साथ गेट टू गेदर। स्वागत की पूरी तैयारी। राजद के लगभग सभी प्रवक्ता मौजूद थे। मनीष यादव, शक्ति सिंह यादव, एज्या यादव, नवल किशोर, मृत्युंजय तिवारी से लेकर निरंजन कुशवाहा तक। मनी यादव भी तत्पर दिखे।
तेजस्वी पत्रकारों के साथ चर्चा में जुटे थे। बीच में हम भी कूद पड़े। हमने कहा- बंगला विवाद खत्म हो गया क्या। इस पर तेजस्वी बोले- सरकार हमको नेता प्रतिपक्ष मानती ही नहीं है। हमको बस पूर्व मंत्री मानती है। विभाग का पत्र भी पूर्व मंत्री के नाम से आया था। हमने पत्र को वापस कर दिया और कहा कि पदनाम ठीक करके लाइए। इसके बाद कोई पत्र ही नहीं आया।
इस बीच पांच नंबर में तेजस्वी की गतिविधि बढ़ गयी है। बंगला को दो भागों में बांट दिया गया है। एक तरह आवासीय परिसर और दूसरी ओर राजनीतिक गतिविधियों के लिए रखा गया है। एक बड़ा मीटिंग हॉल भी बनाया गया है। भोज-भात के लिए बड़ा स्पेस भी है। इसी खुली जगह में दोनों हिस्सों को जोड़ने वाली दीवार भी है, जिसमें बड़ा सा गेट भी है।
तेजस्वी से चर्चा के दौरान ही आवासीय हिस्से की ओर से लालू यादव पत्रकारों के बीच पहुंचे। लालू के पहुंचते ही छायाकारों का हुजूम टूट पड़ा। आगे बढ़कर तेजस्वी ने अगवानी की और पत्रकारों के बीच लाकर बैठाया। बायीं ओर तेजप्रताप बैठे और दायीं ओर तेजस्वी। इस बीच किसी सहयोगी ने उन्हें नमकीन टॉफी दी। उसको डपटते हुए वे लेमनजूस (टॉफी का प्रचलित नाम यही है) मुंह में रखकर चुभलाने लगे।
इस बीच पत्रकारों ने नरेंद्र मोदी से लेकर नीतीश कुमार तक सवाल पूछे। लेकिन कोई जवाब नहीं। टॉफी बिला गया तो सूप का स्वाद लिया। लेकिन पत्रकारों का सवाल ‘बे-स्वाद’ ही बना रहा। इस बीच एक व्यक्ति ने एक सर्वे एजेंसी की चर्चा करते हुए कहा कि एजेंसी का दावा है कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनेगी। इस पर लालू ने पूछा कि ये कौन हैं। तब तेजस्वी ने बताया कि ये नवल किशोर राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। 20-25 मिनट तक पत्रकारों के साथ बैठे लालू यादव ने मांसाहार छोड़ने से लेकर मांस के साथ बीपी के संबंध में चर्चा की। सामने बैठे पत्रकार के प्लेट में रखे मांस के स्वाद के संबंध में बताया। इस बीच उन्होंने चर्चा को खत्म करते हुए कहा कि आपलोग खाइए, हमरा रांची जायके बा।
पांच देशरत्न मार्ग में तेजस्वी का यह दूसरा कार्यक्रम था। इससे पहले उन्होंने सोशल मीडिया के साथियों के साथ संवाद भी इसी आवास पर किया था। आज तेजस्वी यादव भी पत्रकारों के साथ गपियाने में राजनीति मुद्दों से बचते रहे। तेजस्वी ने कहा कि पापा ने मांसाहार जरूर छोड़ दिया है, लेकिन जब हमलोग खाते हैं तो वे चटखारे जरूर लगाते हैं। मांस बनाने के तरीके भी बताते हैं।
तेजस्वी यादव देशरत्न मार्ग, आवास संख्या पांच से राजनीति की नयी शुरुआत कर रहे हैं। इसे 10 सर्कुलर रोड की ‘छाया’ से मुक्ति का प्रयास भी कह सकते हैं। इस प्रयास में देशरत्न मार्ग की पहली लड़ाई जीत ली है, लेकिन जीत कितनी स्थायी होगी। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वे लालू यादव की ‘जमीन’ पर अपने लिए कितनी संभावना पैदा करते हैं, अपने प्रति कितना विश्वास पैदा करते हैं। इसके लिए इंतजार करना होगा।