मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पुलिस वालों के साथ मीटिंग पर मीटिंग कर रहे हैं लेकिन पिछले 3 महीने में जितने आईपीएस अफसरों से मिला सब के सब काम करने की बजाये टाल मटोल ही करते दिखे।
काशिफ युनूस के फेसबुक वॉल से
ऐसे S.P. और DIG अस्तर के अफसर जिनके बारे में बाहर बड़ा सख्त होने का हंगामा है भगोड़ों की गिरफ़्तारी पर भी बिलकुल संवेदनशील नहीं दिखे।
हद तो तब हो गयी जब DIG अस्तर के एक अफसर ने एक भगोड़े की गिरफ़्तारी मामले में ये कहा की ये तो S.P. का काम है आप S.P. से मिलें मैं इसमें कु्छ नहीं कर सकता। जब उन्हें बताया गया की S.P. टाल मटोल कर रहे हैं तो उन्होंने कहा के ये तो S.P. ही समझें अगर उनके पास इस काम के लिए सफिसिएंट मैनपावर होगा तब न , इसका फैसला उन्हें ही करना है के वो इस काम को करेंगे या नहीं।
अगर मुख्यमंत्री जानना चाहें तो मैं ऐसे चार IPS अफसर का नाम बता सकता हूँ जो टाल मटोल सर्विस प्रोवाइड कर रहे हैं. एक S.P. साहब तो इस बात से नाराज़ हो गए के मैं सभी दुखियारों का मामला लेकर उनके पास क्यों आ जाता हूँ। जब मैंने उन्हें बताया के ग़रीब और कमज़ोर लोग अकेले उनके सामने बोलने की हिम्मत नहीं करते तो उनके चेहरे से लगा जैसे वो और ज़्यादा नाराज़ हो गए हों।
मुख्यमंत्री को ये समझना होगा की जबतक किसी अफसर पर गाज नहीं गिरेगी कुछ सुधर नहीं आएगा।