मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज स्पष्ट किया कि सरकार राज्य में संवेदनशील कब्रिस्तानों की घेराबंदी और पुराने मंदिरों की चहारदीवारी का निर्माण विधायकों की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत कराने को तैयार है।
श्री कुमार ने विधानसभा में कब्रिस्तानों की घेराबंदी से संबंधित तारांकित प्रश्नों के उत्तर के दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा कि राज्य में जब पहली बार उनकी सरकार बनी थी, उसी समय प्रदेश के सभी संवेदनशील कब्रिस्तानों की घेराबंदी करने का फैसला हुआ था। सरकार ने ऐसे आठ हजार से कुछ ज्यादा कब्रिस्तानों को घेराबंदी के लिए चिह्नित किया था। इसके बाद घेराबंदी के लिए प्राथमिकता सूची बनाने की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को दी थी। उन्होंने कहा कि संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर बनायी गयी सूची में से करीब पांच हजार कब्रिस्तानों की अब तक घेराबंदी हो चुकी है और शेष पर काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम तय प्राथमिकता सूची के अनुसार ही होगा। वैसे कब्रिस्तान जो इस सूची में शामिल नहीं है, उसकी घेराबंदी प्राथमिकता सूची वाले कब्रिस्तानों का कार्य पूरा होने के बाद ही किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जो विधायक अपने क्षेत्र में वैसे कब्रिस्तान जो प्राथमिकता सूची में शामिल नहीं है, लेकिन उसकी जल्द घेराबंदी कराना चाहते हैं वे अपनी अनुशंसा पर मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत इस कार्य को करा सकते हैं।
श्री कुमार ने मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण से संबंधित सवाल पर कहा कि इसके लिए बने नियम के अनुसार मंदिर का पुराना और धार्मिक न्यास परिषद से निबंधित होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि विधायक चाहें तो वे अपनी अनुशंसा पर मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत मंदिरों की चहारदीवारी का निर्माण करा सकते हैं। सरकार इससे संबंधित नियमावली में संशोधन के लिए तैयार है।