बक्सर जिले में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर हुए हमले को लेकर बिहार की सियासत गर्म है. जहां एक ओर सत्तारूढ़ दल की ओर इस मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री सह नेता विपक्ष तेजस्वी यादव को घसीटा, वहीं कांग्रेस ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए बिन जांच किसी पर आरोप लगाने को शुद्ध राजनीति बताया.
नौकरशाही डेस्क
जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि तेजस्वी यादव का बयान और स्टैंड दर्शाता है कि सीएम पर हुए हमले में कही न कहीं तेजस्वी यादव की मिलीभगत है. हमला सुनियोजित तरीके से कराया गया है. राजनीति में विरोध होना चाहिये पर हिंसक विरोध की कोई जगह नहीं है. वहीं, तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के सुशासन और विकास के दावे पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बिहार में सरेआम मुख्यमंत्री पर हमला हो रहा है, लेकिन महाजंगलराज पर कोई विमर्श नहीं क्योंकि जंगलराज अलापने वाले श्री श्री मंगलम श्री सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री है.
उधर, तेजस्वी यादव पर जदयू द्वारा लगाये गए आरोपों पर कांग्रेस ने विरोध किया. कांग्रेस नेता डॉ प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि सीएम पर हमला गंभीर बात है. मगर, जांच से पहले ही किसी को दोषी बताना शर्मनाक है. ऐसे बयान मामले की गंभीरता को कम करता है. ये आरोप नहीं, शुद्ध राजनीति है. ऐसे मामलो में तेजस्वी का नाम लेना अनुचित है. बता दें कि मुख्यमंत्री के काफिले पर हुए हमले के मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है और एक जांच टीम गठित कर दी है. हमले की जांच का जिम्मा पटना जोन के आईजी नैय्यर हसनैन खां और पटना के डिविजनल कमिश्नर आनंद किशोर को मिला है.