मुख्यमंत्री जीतनरा मांझी ने पुलिस महानिरीक्षक कमजोर वर्ग अरविन्द पाण्डेय की पुस्तक सशक्तिकरण का शनिवार को लोकार्पित किया । इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में पुलिस की छवि बदल रही है। इसकी कार्यशैली में बदलाव आ रहा है। जांच में गुणवत्ता दिख रही है और तेजी भी आयी है। उन्होंने कहा कि एक पुलिस अधिकारी की व्यस्तता के बीच में श्री पांडेय ने पुस्तक सृजन कर समाज के लिए बड़ा योगदान दिया है। लोकार्पण के मौके पर डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा कि यह पुस्तक पुलिस कर्मियों के लिए काफी लाभदायक साबित होगा।
नाराज हुए सीएम
इस कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री से कुछ मीडिया कर्मियों ने प्रतिक्रिया लेनी चाही तो वे अपना गुस्सा नहीं रोक पाए। उन्होंने कहा कि मीडिया वाले उच्चके हो गए हैं। संदर्भ काटकर बातें रखते हैं और बेमतलब विवाद पैदा करते हैं। इस प्रवृत्ति से उन्हें बचना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि दूसरा कोई होता तो पत्रकारों पर मुकदमा कर देता, लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी लगातार अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं। उनका ज्यादा समय बयान देने और फिर बयान पर सफाई देने में गुजर रहा है। मीडिया वाले भी हर मौके पर विवादित बयानों पर नमक छीड़क कर उन्हें नाराज कर देते हैं। उससे आजित मुख्यमंत्री आज नाराज हो गए। उनके नाराजगी बेवजह भी नहीं थी। मीडिया वाले सरकार की नीतियों के बजाय विवाद के मुद्दे ही उठाते हैं। वह मुद्दे चैनलों व अखबारों में सुर्खियां भी बनते हैं। इसका प्रतिकूल असर न केवल सरकार की छवि पर, बल्कि मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत छवि भी पड़ता है। वैसे मीडिया कर्मियों की भूमिका को लेकर मुख्यमंत्री की टिप्पणी को जायज नहीं कहा जा सकता है, लेकिन मीडिया को भी संयम का परिचय देना चाहिए।
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