गांधी जयंती के अवसर पर आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जवाहर लाल नेहरू मार्ग, बेली रोड, पटना स्थित बिहार संग्रहालय की इतिहास दीर्घाओं व अन्य दीर्घाओं का लोकार्पण विधिवत रूप से दीप प्रज्जवलन कर किया। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में बिहार संग्रहालय के सभी दीर्घाओं के लोकापर्ण को सुखद अनुभूति बताया और कहा कि बिहार के पास विरासत, कला – संस्कृति और इतिहास ही पूंजी है, जिसे हमने इस अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय के जरिये सहेजने की कोशिश की है। श्री कुमार ने पटना संग्रहालय का जिक्र करते हुए कहा कि वहां राहुल सांस्कृत्यायन द्वारा तिब्बत से लाये दस्तावेज के अलावे कई चीजें हैं, जो महत्वपूर्ण हैं। लेकिन वहां जगह की कमी होने की वजह से कई प्रदर्श को प्रदर्शित नहीं किया गया। लेकिन बिहार संग्रहालय के बनने बाद राज्य की तमाम विरासत का प्रदर्शन किया जायेगा। जो हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए मनोरंजन के साथ – साथ ज्ञानवर्द्धन भी करेगी।
नौकरशाही डेस्क
श्री कुमार ने कहा कि हम दोनों संग्रहालय को साथ लेकर चलेंगे, इसलिए जो लोग पटना संग्रहालय घूमने आयेंगे वे बिहार संग्रहालय भी जा पायेंगे। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई सोच और उन्नत तकनीक से बनाई गई है। जिसे बनाने से पूर्व कई तरह के शोध सहारा लिया गया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अनुभवों के साथ इसे बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने बिहार के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि हमें अपने इतिहास पर नाज है, जो गौरवपूर्ण रहा है। मगर अब फिर से उस गौरव स्थान को प्राप्त करने का संकल्प हमारे पास है। उन्होंने कहा कि गांधी जयंती के अवसर पर बिहार संग्रहालय का लोकापर्ण बड़े हर्ष की बात है। हमने तो गांधी जी के विचारों से अवगत कराने के लिए चंपारण सत्याग्रह के 100 वें साल को गांधी जी के नाम से समर्पित किया है। नीतीश कुमार ने अधिकारियों की तरीफ भी की और कहा कि अजंनी कुमार सिंह, चंचल कुमार और चैतन्य प्रसाद जैसे अधिकारियों की मदद ने दिन रात मेहनत की है।
वहीं, कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आज गांधी जयंती के अवसर पर बिहार को दो – दो सौगात मिला है। एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कंवेशन हॉल और दूसरा बिहार संग्रहालय। उन्होंने कहा कि संग्रहालय उनके पास होता है, जिनके पास विरासत होती है और विरासत इतिहास की पूंजी है। संग्रहालय यूरोप में अधिक मिलती है, क्योंकि वहां का इतिहास काफी पुराना है। उसी तरह बिहार का इतिहास भी काफी संपन्न है, जो अब बिहार संग्रहालय के जरिए दुनिया भर में बिहार के इतिहास को प्रदर्शित किया जायेगा। इसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनका दूरदर्शी सोच काफी सराहनीय है। इसके लिए हम उन्हें बधाई भी देते हैं। इससे पहले बिहार संग्रहालय के नोडल अधिकारी व राज्य सरकार के मुख्य सचिव अजंनी कुमार सिंह ने संग्रहालय के निर्माण की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि हमने अंतर्राष्ट्रीय स्तर के म्यूजियम के लिए हम दृढ़ संकल्पित थे, ताकि ऐसी स्थिति पैदा करें कि देश – दुनिया के लोग यहां आये और बिहार के समृद्ध इतिहास को जानें।
कार्यक्रम के अध्यक्षीय भाषाण में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार के मंत्री श्री कृष्ण कुमार ऋषि ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि बिहार संग्रहालय और जन कल्याण के कई अभूतपूर्व काम कर मुख्यमंत्री जी ने एक मिशाल कायम किया है। जिस तरह से उन्होंने बिहार की विरासत और धरोहर को सहेजने का काम किया है, वो अभूतपूर्व है। इसलिए आज जैसे गांधी जी को हम याद कर रहे हैं, सौ साल बाद उसी तरह नीतीश कुमार को भी उनके विशिष्ट कार्यों के लिए याद किया जायेगा। तो भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि नीतीश कुमार आज के दौर में पहले ऐसे राजनीतिक व्यक्ति हैं, जिन्होंने जन जागरण की शुरूआत की है। बाद में लोकार्पण समारोह के समापन सत्र में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने सभी आगत अतिथियों, कलाकारों और लोगों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
बिहार संग्रहालय की इतिहास दीर्घाओं व अन्य दीर्घाओं लोकार्पण के दौरान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के अलावा उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री कृष्ण कुमार ऋषि, भवन निर्माण मंत्री श्री महेश्वर हजारी, शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा, संसदीय कार्यमंत्री श्री श्रवण कुमार, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री चंचल कुमार, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के सचिव श्री चैतन्य प्रसाद आदि गणमान्य अतिथि मौजूद थे। कार्यक्रम शुरू होने के पूर्व कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अपर सचिव श्री आनंद कुमार के द्वारा अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया गया। कार्यक्रम में विधायक श्याम रजक, विधान पार्षद रामवचन राय, सांस्कृतिक निदेशालय के निदेशक सत्यप्रकाश मिश्रा, विभाग के उप सचिव तारानंद वियोगी, अतुल वर्मा, संजय सिंह, संजय सिन्हा, जे पी एन सिंह, मीडिया प्रभारी रंजन सिन्हा आदि लोग उपस्थित थे।