मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में बिहार राज्य वन्य प्राणी पर्षद की छठी बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक बसीर अहमद खां को निर्देश दिया कि न्यू कैपिटल एरिया में राष्ट्रीय पक्षी मोर को नियमित रूप से विचरण करने के लिए बराबर छोड़ा जाय। उन्होंने कहा कि जब मोर पक्षी की संख्या बढे़गी तो वह दिखाई पडे़गा।
बिहार राज्य वन्य प्राणी पर्षद की बैठक
बैठक के बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक बसीर अहमद खां ने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया कि बिहार के राजकीय पक्षी गोरैया विलुप्त हो रहा है। राज्य में गोरैया के संरक्षण के लिए वन विभाग अभियान चलाये। उन्होंने कहा कि सरकारी भवनों एवं सरकारी आवासों में गोरैया के संरक्षण एवं प्रजनन के लिए वन विभाग लकड़ी के छोटे-छोटे आकार का घर बनाये। उन्होंने कहा कि वन विभाग के देख-रेख में अर्जुन सिंह गोरैया संरक्षक के सहयोग से छोटे-छोटे लकड़ी का घर बनाया जायेगा। गोरैया संरक्षण का अनुश्रवण मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह करेंगे।
मुख्यमंत्री ने वन विभाग को यह निर्देश दिया कि जू-कम-सफारी के निर्माण के लिए केन्द्रीय चिड़िया घर प्राधिकरण से शीघ्र स्वीकृति प्राप्त की जाय। जू-कम-सफारी में सिंह, बाघ, तेंदुआ एवं भालू को भी रखा जाय। बैठक में मुख्यमंत्री वन एवं पर्यावरण मंत्री पी0के0 शाही, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डी0एस0 गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पुलिस महानिरीक्षक कुन्दन कृष्णन, आदि उपस्थित थे।