मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवार को बेतिया में तिरहूत प्रमंडल के वरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की थी। इसमें प्रमंडल के सभी छह जिलों पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, शिवहर और सीतामढ़ी के सभी डीएम व एसपी, प्रमंडलीय पुलिस पदाधिकारी, प्रमंडलायुक्त समेत सभी वरीय पदाधिकारी मौजूद थे। लेकिन इस महत्वपूर्ण बैठक से मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह गायब थे। प्रशासनिक पदाधिकारियों की बैठक में मुख्य सचिव की अनुपस्थिति कई सवाल खड़ी करती है।
बिहार ब्यूरो प्रमुख
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव का नहीं आने के कई मायने निकाले जा रहे हैं। संभव है कि उनका कार्यक्रम तय नहीं हो या अचानक कोई तब्दिली आयी हो या वह जान बुझकर नहीं आए। यदि उनको बैठक में शामिल नहीं होना था, तो उनके नाम पर कुर्सी खाली क्यों पड़ी रही। कुर्सी हटाई जा सकती थी या फिर सीएम बगल में डीजीपी बैठ सकते थे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। आईपीआरडी की जारी विज्ञप्ति में भी सीएस का नाम नहीं था। खैर।
इस समीक्षा में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई। सीएम बाढ़ राहत कार्यों में कोताही पर नाराजगी भी जतायी। मुख्यमंत्री पर्व त्योहार के मौकों पर सतर्कता बरतने की हिदायत दी। उन्होंने बाढ़ पीडि़तों को राहत पहुंचाने, पर्चाधारियों को पर्चा बांटने, अपूर्ण इंदिरा आवासों को पूर्ण कराने आदि के निर्देश भी दिए। सीएम ने पशु धन की सुरक्षा और उनके लिए पर्याय भोजन उपलब्ध कराने को भी कहा।
इस बैठक में संस्कृति मंत्री विनय बिहारी, विधायक राजेश सिंह के साथ डीजीपी पीके ठाकुर, विकास आयुक्त एके नेगी, आपदा प्रबंध विभाग के लिए प्रधान सचिव ब्यास जी, मुख्यमंत्री के सचिव संजय कुमार सिंह, विवेक कुमार सिंह, एस सिद्धार्थ, दीपक कुमार सिंह, चंचल कुमार, अरविंद कुमार सिंह, नर्मदेश्वर लाल समेत कर्इ नागरिक व पुलिस प्रशासन के वरीय अधिकारियों ने भाग लिया।