मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह के खिलाफ चारा घोटाले के एक मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के आधार पर उनकी बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग को लेकर आज विधानसभा में विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया।
विधानसभा में कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को पद से हटाने और गिरफ्तार करने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। राजद के सदस्य अपनी सीट से ही ‘मुख्य सचिव को गिरफ्तार करो’ और ‘भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देना बंद करो’ के नारे लगा रहे थे। राजद सदस्यों के समर्थन में कांग्रेस के भी सदस्य अपनी सीट के पास खड़े थे।
सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया, लेकिन हंगामा कर रहे सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। हंगामे के बीच ही राजद के भाई वीरेन्द्र ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अक्सर भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टॉलरेंस की बात करते रहते हैं लेकिन जब मुख्य सचिव पर चारा घोटाले के मामले में अदालत के आदेश से मुकदमा दर्ज हुआ है तब उनके दावे कहां चले गये हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर सरकार का दावा खोखला है और सच्चाई है कि सरकार भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रही है।
इसपर सभाध्यक्ष ने कहा कि अधिकारी चाहे जितने भी ऊंचे पद पर क्यों न हो वह महत्वपूर्ण नहीं है। सदन में सदस्य सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। इसलिए, सदस्यों के सवालों पर सरकार को जवाब देना चाहिए। उन्होंने सदस्यों से फिर से आग्रह किया कि वे सदन की कार्यवाही को चलने दें। सभाध्यक्ष के इस बार के आग्रह को सदस्य मान गये और शांत होकर अपनी सीट पर बैठ गये। हालांकि हंगामे के कारण सभा की कार्यवाही करीब आठ मिनट तक नहीं चली।