दिल्ली में मुख्य सचिव की तैनाती को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच आज और तानातानी बढ़ गयी है। मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने शकुंतला गैमलीन को कहा है कि वे राज्य के मुख्य सचिव का पद नहीं संभालें।
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने अरविन्द केजरीवाल सरकार की कड़ी आपत्तियों के बावजूद शुक्रवार को वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन को राज्य सरकार की कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया, जिसे खुले टकराव के रूप में देखा जा रहा है। केजरीवाल की सरकार ने इस निर्णय को असंवैधानिक करार दिया है। उपराज्यपाल ने 1984 बैच की आईएएस अधिकारी शकुंतला को मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। इससे कुछ समय पहले महिला अधिकारी ने उपराज्यपाल जंग को एक पत्र लिखकर दावा किया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ नौकरशाह ने उन पर इस बात के लिए दबाव डाला है कि वह इस पद की दौड में शामिल नहीं हों, क्योंकि उनकी बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस के साथ कथित रुप से नजदीकी है।
मुख्य सचिव के के शर्मा निजी यात्रा पर अमेरिका गये हैं, जिसके चलते सरकार को एक कार्यवाहक मुख्य सचिव तैनात करना था। गैमलिन वर्तमान समय में ऊर्जा सचिव के रूप में कार्यरत हैं। इस कदम की आलोचना करते हुए आप सरकार ने कहा कि उपराज्यपाल निर्वाचित सरकार एवं मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की अनदेखी नहीं कर सकते तथा उन्होंने संविधान, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार कानून तथा कामकाज संचालन नियमों के विरुद्ध काम किया है। जंग ने आप सरकार के आरोपों का तुरंत यह कहते हुए खंडन किया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 239 एए के तहत उपराज्यपाल दिल्ली में राज्य प्राधिकारी का प्रतिनिधि होता है। उपराज्यपाल के कार्यालय के एक बयान में कहा, कार्यावाहक मुख्य सचिव की नियुक्ति की फाइल 13 मई की शाम में उपराज्पाल को सौंपी गई, जिसे तत्काल मंजूरी दे दी गई। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तावित नाम के वितरीत शकुंतला गैमलिन के नाम यह विचार करते हुए मंजूरी दी कि वह वरिष्ठ हैं और उनकी पिछली उपलब्धियां साबित हुई हैं।