बिहार कैडर के पूर्व आईएएस अफसर एमए इब्रहिमी ने मुजफ्फरपुर में हुए साम्प्रदायिक हिंसा मामले में वहां के एसएसपी को निलंबित करने और सरैया के एसएचओ को बर्खास्त करने की मांग की है.
गौरतलब है कि सरैया थाना के अजीजपुर गांव के 50 अल्पसंख्यक परिवारों के घरों में आग लगा दी गयी जिसके दौरान 4 लोग जल कर मर गये.
एमए इब्राहीमी ने इस बात पर चिंता जाहिर की है कि साम्प्रदायिक हिंसा और समाज को बांटने का रुझान लगातार बढ़ता ही जा रहा है. उन्होंने मुजफ्फरपुर में रविवार को हुए साम्प्रदायिक हिंसा के दौरान एक खास समुदाय को निशाना बनाने की आलोचना करते हुए कहा कि मुजफ्फरनगर के साम्प्रदायिक हिंसा ने सामाजिक भाईचारे को नुकसान पहुंचाया था जिससे उत्तर प्रदेश में ध्रुवीकरण हुआ और अब यह हाल बिहार के मुजफ्फरपुर में देखने को मिला है.
मामले को गंभीरता से लें मांझी
उन्होंने कहा कि प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी, जो देश के विकास के कार्य में लगे हैं, वह बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों की गतिविधियों से विकास कार्यों में रुकावट महसूस कर रहे होंगे उन्हें पता होना चाहिए कि ऐसी शक्तियां भारत को सशक्त बनाने के उनके अभियान को रास्ते से भटका सकती हैं.
इब्राहिमी से जुड़ी खबर- इस पुस्तक में सरकारों को निशाना बनाया है
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर का साम्प्रदायिक हिंसा इस बात का आभास देती है कि आने वाला समय ठीक नहीं है. ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी को लव जिहाद, घर वापसी औ दस बच्चे पैदा करने वाले नारे लगाने वालों को खिलाफ कड़ा संदेश देना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं को ऐसे नारों में उलझने से बचना चाहिए और उन्हें मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत और सबका साथ सबका विकास जैसे नारों से प्रेरणा ग्रहण करना चाहिए.
उन्होंने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से मांग की कि मुजफ्फरपुर के सरैया के एसएचओ को लापरवाही बरतने के लिए बर्खास्त करें और मुजफ्फरपुर के एसएसपी को स मामले के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए सस्पेंड करें. उन्होंने इस बात पर संदेह जताया है कि कुछ शक्तियां मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के सामने चुनौती पेश कर रही हैं इसलिए उन्हें इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.
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