आल इंडिया मजलिस-ए-मुशावरात ने मुसलमानों के लिए 10 फीसदी आरक्षण और प्रत्येक मुस्लिम परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है । मुशावरात की बिहार इकाई के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री शमाइयले नबी ने पटना में संवाददाताओं से कहा कि मुसलमान अब सम्पूर्ण परिवर्तन चाहते हैं। मुसलमानों के प्रति लोगों की मानसिकता के साथ-साथ, राजनीति और अधिकारियों की सोच में भी मुकम्मल बदलाव होना चाहिए । उन्होंने कहा कि वह केन्द्र सरकार से सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग की रिपोर्ट को पूरी तरह से लागू करने की मांग करते हैं और इसमें देरी अब बर्दाश्त नहीं की जायेगी। 

 

आल इंडिया मजलिस-ए-मुशावरात का प्रेस कॉन्फ्रेंस 
श्री नबी ने कहा कि राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता को केन्द्र में रखकर गठित की गयी मुशावरात आज देश में इनका कमजोर हो जाना बड़ी शिद्दत से महसूस करती है। उन्होंने कहा कि देश और समाज की तरक्की के लिए इनका मजबूत होना बहुत जरुरी है।  पूर्व मंत्री ने कहा कि मुशावरात प्रत्येक सरकारी समितियों में एक मुस्लिम सदस्य रखे जाने की भी मांग करती है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में मुसलमान न्यायाधीशों की संख्या नाममात्र की है । निचली अदालतों से लेकर उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में भी मुस्लिम न्यायाधीशों की तादाद बढ़ायी जानी चाहिए।

 

श्री नबी ने कहा कि मुशावरात मुस्लिम पर्सनल लॉ में किसी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेगी । समान नागरिक संहिता मुसलमानों को कतई बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने उर्दू की तरक्की के उपाय तेज किये जाने पर जोर देते हुए कहा कि उर्दू अखबारों को नाममात्र के सरकारी विज्ञापन मिलते हैं जबकि अंग्रेजी और अन्य भाषाओं के समाचारपत्रों को पूरे पृष्ठ के विज्ञापन प्राय:जारी किये जाते हैं ।उन्होंने कहा कि इस स्थिति की वह कड़ी भर्त्सना करते हैं ।उनकी मांग है कि उर्दू अखबारों को एक अनुपात में विज्ञापन दिये जायें।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427