रिहाई मंच ने अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के भाषण को मुसलमानों को गुमराह करने वाला करार देते हुए कहा है पिछले घोषणा पत्र के वादे झूठे साबित हुए हैं इसलिए अब मुसलमान उनके फरेब में न आयें.akhilesh

लखनऊ से परवेज आलम की रिपोर्ट

मंच ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने मुसलमानों से चुनावी वादों से ध्यान हटाने के लिए उन्हें भाजपा का डर दिखाकर उन्हें एक बार फिर मुर्ख बनाने की कोशिश की।

झूठ

रिहाई मंच नेता जैद अहमद फारूकी ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और आजम खान ने आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में दावा किया कि उनकी सरकार ने तीन दिन पूर्व ही 4000 मोअल्लिम उर्दू टीचर की भर्ती का शासनादेश जारी कर दिया है। जबकि सच्चाई यह है कि अभी तक उर्दू टीचर के पद ही सृजित नहीं किए गए हैं।

हकीकत

ऐसे में यह घोषणा भ्र्रामक और झूठे चुनावी वादे के सिवा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सपा सरकार मुसलमानों और उर्दू को लेकर सचमुच संजीदा थी तो उसने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय दिनांक 4 सितम्बर 2014 व उत्तर प्रदेश भाषा विभाग के शासनादेश दिनांक 21 अप्रेल 2015 जिसमें उर्दू को उत्तर प्रदेश के द्वितीय राज भाषा के तहत संवैधानिक दर्जा दिया गया है, तब फिर उत्तर प्रदेश प्रशासनिक सुधार विभाग ने अपने आदेश दिनांक 3 दिसम्बर 2015 में राज्य सूचना आयोग ने कैसे उर्दू को आयोग की भाषा मानने से ही इनकार कर दिया है।

अखिलेश बतायें  

उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव और आजम खान को बताना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद उत्तर प्रदेश में शासनादेश और गजट के उर्दू प्रकाशन पर रोक क्यों लगाई गई है। जो कि सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना है।

 

जैद अहमद फारूकी ने कहा कि आजम खान अपनी नाकामी को राजभवन पर डाल कर मुसलमानों को गुमराह ना करें। बल्कि उन्हें यह बताना चाहिए कि सपा के चुनावी वादों जिसमें आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को रिहा करने, न्यायालय से अपने प्रयासों पर बरी हुए आरोपियों के पुर्नवास और मुआवजे की बात कही गई थी को क्यों नहीं पूरा किया गया।

बताइए आजम खान

जैद फारूकी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष को मंत्री का दर्जा न मिलने के लिए राजभवन का डर क्यों दिखा रही है जबकि पिछड़ा वर्ग आयोग और महिला आयोग उसी तर्ज पर काम कर रहे हैं।

 

श्री फारूकी ने इस पर भी सवाल उठाए कि मंच पर मौजूद तथाकथित धर्मगुरू खालिद रशीद फिरंगीमहली समेत किसी भी वक्ता ने मुख्यमंत्री को चुनावी घोषणापत्र की याद नहीं दिलाई और उनकी खुशामद में ही कसीदे गढ़ कर साबित कर दिया कि वे सभी सरकार के पेरोल पर यहां उपस्थित हुए थे ताकि मुसलमानों के वास्तविक मुद्दों पर कोई बात ही न कर सके।

नर्म हिंदुत्व की राह पर अखिलेश

वहीं रिहाई मंच लखनऊ के महासचिव शकील कुरैशी ने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव आज जिस तरह किए गए चुनावी वादों पर बिल्कुल चुप रहे जो साबित करता है कि अखिलेश यादव नर्म हिंदुत्ववादी राजनीति करके अपने सजातीय हिंदू वोटरों को खुश करना चाहते हैं।

शकील कुरैशी ने कहा कि आज जिस तरह अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन हाजी शकील अहमद ने मुसलमानों की समस्याओं की तरफ ध्यान दिलाने के बजाए खुद को आजम खान द्वारा कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने के वादे से मुकर जाने को मुद्दा बनाते हुए फूट-फूट रोए उसने आयोग की गम्भीरता और गरिमा पर ही सवाल उठा कर उसे मजाक साबित कर दिया। गौरतलब है कि आयोग अध्यक्ष ने कई बार इस बात का भी हवाला दिया कि वे पहले अंतराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हुआ करते थे लेकिन आजम खान जिनके साथ उनके 27 साल पुराने रिश्ते थे, के वादा खिलाफी के कारण ना तो आज वह खिलाड़ी ही रह गए हैं और ना ही मंत्री बन पाए।

मुस्लिम आरक्षण का वादा भी धोखा

वहीं रिहाई मंच नेता शम्स तबरेज खान ने कहा कि 2012 के चुनावी घोषणापत्र के पेज नम्बर 12 और 13 पर सपा ने वादा किया था कि सरकार बनते ही सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग की रिपोर्टों पर अमल किया जाएगा।

वहीं मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने, दरगाहों के संरक्षण एवं विकास के लिए दरगाह एक्ट बनाने, मुसलमानों के अंदर आत्मविश्वास पैदा करने के लिए राजकीय सुरक्षा बलों में मुसलमानों की भर्ती के लिए अलग से कैम्प आयोजित करके भर्ती करने, मुस्लिम बहुल इलाकांे में प्राइमरी जूनियर हाई स्कूल, स्कूल और इंटर काॅलेजों की स्थापना करने और बुनकरों को किसानों की तरह मुफ्त बिजली देने का वादा किया था। लेकिन इन तमाम वादों से सरकार पूरी तरह यू टर्न ले चुकी है। शम्स तबरेज खान ने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव और उनके मंत्री इन चुनावी वादों पर बात करने से बचने के लिए मुसलमानों को भाजपा का डर दिखा रहे हैं।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427