बिहार में चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी गुजराती मुसलमानों की 20 प्रशिक्षित टीमें बिहार में उतारेगी. 25 लोगों की हरेक टीम राज्य भर में अल्पसंख्यक बेदारी कारवां ले कर घूमेगी.
नौकरशाही डेस्क
बताया जा रहा है कि बिहार में मुसलमानों की 17 प्रतिशत आबादी पर राजद गठबंधन के प्रभाव को कम करने के लिए भाजपा चुनाव में अधिक से अधिक टिकट मुसलमानों को देने के पक्ष में है. कुछ महीने पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी भी यह बात कह चुके हैं कि उनकी पार्टी मुसलमानों को चुनावी टिकट देने के लिए उन्हें उचित प्रतिनिधित्व देगी.
हालांकि 2010 चुनाव में भाजपा ने मात्र एक मुस्लिम प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा था. हालांकि इस बार पार्टी में कई चर्चित मुस्लिम चेहरों को शामिल किया है. इनमें पूर्व विधायक अखलाक अहमद, दो पूर्व मंत्री मोनाजिर हसन और जमशेद अशरफ तो पहले ही भाजपा का दामन थाम चुके हैं. जबकि पिछले दिनों जद यू के राज्यसभा सांसद रहे साबिर अली भी अब भाजपा में आ गये हैं.
इसी रणनीति के तहत भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता खालिद कमाल का कहना है कि मुस्लिम बेदारी कारवां राज्य भर के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों का दौरा करेगा और मुसलमानों को नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास मॉडल को समझायेगा. पार्टी की कोशिश होगी कि वह मुस्लिम वोटों के राजद-जदयू गठबंधन की तरफ ध्रुवीकरण को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेगी.
उधर खबर है कि नीतीश मंत्रिमंडल में मंत्री रहे जमशेद अशरफ 18 अगस्त को मुस्लिम कांफेंस करने वाले हैं. उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया है कि इस कांफ्रेंस के माध्यम से मुसलमानों में यह मैसेज दिया जायेगा कि भारतीय जनता पार्टी मुसलमानों के लिए काफी काम करने के पक्ष में है.