मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण समेत चार अध्यादेशों को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरूवार को मुस्लिम महिला (मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण) समेत चार अध्यादेशों को मंजूरी दे दी है। मुस्लिम महिला (मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण) दूसरा अध्यादेश, 2019 के जरिये मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अध्यादेश, 2019 के प्रावधानों को बनाये रखने के लिए लाया गया है।
नौकरशाही डेस्क
विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मंजूर चार अध्यादेश : –
मुस्लिम महिला (मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्ष) दूसरा अध्यादेश ,2019
भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) दूसरा अध्यादेश, 2019
कंपनी (संशोधन) दूसरा अध्यादेश,2019
अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध से संबंधित अध्यादेश, 2019
मुस्लिम महिला (मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण) दूसरा अध्यादेश,2019 के जरिये मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अध्यादेश, 2019 के प्रावधानों को बनाये रखने के लिए लाया गया है। इस अध्यादेश के जरिये तीन तलाक को अमान्य और गैर-कानूनी करार दिया गया है। इसे एक दंडनीय अपराध माना गया है, जिसके तहत तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
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Pulwama Attack: बिहार के मुसलमानों का फूटा पाकिस्तान पर गुस्सा https://t.co/6PyLPhFWiF
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यह अध्यादेश विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा करेगा एवं उन्हें उनके पतियों द्वारा तत्कालिक एवं अपरिवर्तनीय ‘तलाक-ए-बिद्दत‘ के प्रचलन के द्वारा तलाक दिए जाने को रोकेगा। यह तीन तलाक यानी ‘तलाक-ए-बिद्दत‘ की प्रथा को निरुत्साहित करेगा। प्रस्तावित अध्यादेश का प्रख्यापन आजीविका भत्ता, तीन तलाक यानी ‘तलाक-ए-बिद्दत‘ के पीड़ितों के नाबालिग बच्चों का संरक्षण का अधिकार प्रदान करेगा।
इसके अलावा, भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) दूसरा अध्यादेश,2019 पूर्व में जारी अध्यादेश के प्रावधानों के अनुरूप संचालक मंडल बीओजी द्वारा शुरू किये गये कार्यों को आगे भी जारी रखने के लिए लागू किया गया है। यह अध्यादेश यह सुनिश्चित करेगा कि पूर्व अध्यादेश के प्रावधानों के तहत किये गये कार्य को मान्यता प्राप्त है तथा यह आगे भी जारी रहेगी।
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देश में कानून का पालन करने वाली कंपनियों को कारोबारी सुगमता का माहौल प्रदान करने के साथ ही कंपनी कानून, 2013 की कॉरपोरेट गवर्नेंस और नियमों के अनुपालन की व्यवस्था को और सख्त बनाने के इरादे से कंपनी (संशोधन) दूसरा अध्यादेश 2019 लागू किया गया है। यह कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत अपराधों की समीक्षा करने वाली समिति की अनुशंसाओं पर आधारित है ताकि कंपनी अधिनियम 2013 में वर्णित कॉरपोरेट प्रशासन तथा अनुपालन रूपरेखा के महत्वपूर्ण अंतरों/कमियों को समाप्त किया जा सके और कानून का पालन करने वाले उद्यमों को व्यापार में आसानी की सुविधा प्रदान की जा सके। इससे कानून का पालन करने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा तथा उल्लंघन करने वालों को गंभीर सजा भुगतनी होगी।
अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अध्यादेश 2019 को देश में अवैध रूप से धनराशि जमा कराने वाली योजनाओं पर नकेल कसने के लिए केन्द्र की ओर से सख्त काननू लाने के इरादे से लागू किया गया है।अभी तक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को आम जनता से विभिन जमा योजनाओ के तहत पैसा जुटाने की सारी गतिविधियां केन्द्र और राज्य सरकारों की ओर से बनाए गए विभिन्न कानूनों के तहत करने की अनुमति मिली हुयी है, जिनमें कोई एकरूपता नहीं है। जिसका लाभ फरेबी पोंजी कंपनियों लोगों को उनके जमा पर ज्यादा ब्याज देने का लालच देकर ठग रही हैं। ऐसे में नए अध्यादेश के जरिए ऐसी कंपनियों पर प्रतिबंध की प्रभावी व्यवस्था की गयी है। इसके जरिए ऐसी योजना पर तुरंत रोक लगाने और इसके लिए आपराधिक दंड का प्रावधान किया गया है।