बिहार में निजी क्षेत्र में अस्पताल और मेडिकल कॉलेज खोलने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार उद्योग प्रोत्साहन नीति के तहत उद्योग की तरह ही सुविधा के अलावा व्याज पर भी सब्सिडी देगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में बिहार स्वास्थ्य सेवा निवेश नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र में समुचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिये उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जायेगा । बिहार स्वास्थ्य सेवा निवेश नीति के माध्यम से राज्य के आमजनों को गुणवत्तापूर्ण एवं प्रभावी चिकित्सा उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि निजी क्षेत्र में अधिक से अधिक स्पेशलिटी, सुपर स्पेशलिटी, मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज खुले ताकि राज्य की जनता को इन संस्थाओं से उच्चस्तर की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके।
श्री कुमार ने कहा कि इस नीति के अन्तर्गत राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में पहुंच में सुधार, विश्व स्तरीय तकनीक एवं अपने वर्ग में सर्वोत्तम आधारभूत संरचना के साथ स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी । उन्होंने कहा कि सरकार का मूल उद्देश्य राज्य में चिकित्सा शिक्षा एवं सहायक क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने तथा राज्य के निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी बेहतर सेवाओं के लिये स्पेशलिटी, सुपर स्पेशलिटी, मल्टी स्पेशलिटी और मेडिकल कॉलेज की स्थापना कराना है। बैठक के बाद स्वास्थ्य विभाग के सचिव आनंद किशोर ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि स्पेशलिटी, सुपर स्पेशलिटी, मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज खोलने वाले उद्यमियों को बैंक से टर्म लोन मिलेगा । इस पर उनको ब्याज में सब्सिडी दी जायेगी ताकि उन पर वितीय बोझ कम हो सके और बिहार में अधिक से अधिक अस्पताल खोलने के लिये वे प्रेरित हों ।
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