मेरठ का खरखौंदा कांड महज एक अफवाह निकला.पीड़ित लड़की से जबरन दुराचार और उसका गर्भाशय निकालने की पुष्टि नहीं हुई है.
अमर उजाला डॉट कॉम में विष्णु मोहन की रिपोर्ट के अनुसार आईजी कानून-व्यवस्था अमरेंद्र सेंगर ने बताया कि इस मामले की जांच पर डीजीपी मुख्यालय सीधी निगाह रख रहा है.
मेरठ मामले में एकयुवती का अपहरण कर उसके साथ जबरन सामूहिक दुराचार और धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया गया था. इसके बाद दो समुदायों के बीच दंगा जैसी स्थिति बन गयी थी. मेरठ कांड पर पूछे गए सवालों का जवाब देने के दौरान मंगलवार को एनेक्सी के मीडिया सेंटर में आईजी कानून-व्यवस्था अमरेंद्र सेंगर ने दावा किया कि युवती का मेडिकल परीक्षण कराया गया, लेकिन इसमें उसके साथ जबरन दुराचार किए जाने की पुष्टि नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि इस चिकित्सीय परीक्षण मे शरीर का किडनी जैसा कोई अंग निकाले जाने की भी पुष्टि नहीं हुई है.
इस मामले को कुछ लोगों ने काफी तूल दिया था. और कहा जा रहा था कि इस लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है. इस मामले में आईजी ने कहा कि जहां तक युवती का जबरन धर्मांतरण कराए जाने का मामला है, उसकी जांच हो रही है. इस मामले में पुलिस युवती द्वारा धर्मांतरण को लेकर दिए गए नोटरी एफिडेविट का परीक्षण कर रही है.
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