जनता दल यू से जीतन राम मांझी संग अलग हुए नेता और पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने दावा किया है कि उनके प्रयासों से राज्य में 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आये.
मिश्रा की डायरी
पूर्व गन्ना मंत्री नीतीश कुमार हाल ही में फेसबुक पर एक्टिव हुए हैं और वह अंतर्त्मा की आवाज पर सत्य के सात नामक डायरी लिख रहे हैं. इस डायरी में नीतीश मिश्रा ने अपने राजनीतिक करियर की पूरी कहानी लिखी है और बताया है कि झंझारपुर की जनता ने उन्हें सेवा करने का अवसर दिया जिसके चलते वह 2005 से लगातार अब तक इस काम में लगे हैं. नीतीश ने दावा किया कि गन्ना मंत्री रहते हुए उनके प्रयासों से राज्य में 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आये. हालांकि उन्होंने अपनी डायरी में यह खुलासा नहीं किया कि 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव जमीनी हकीकत बन सके या नहीं.
नीतीश ने लिखा है कि वर्ष 1997 से बिहार राज्य चीनी निगम के जिम्मे किसानों की बकाया राशि लगभग 9 करोड़ रूपये का भुगतान कराया गया। 2006-07 में जब राज्य के गन्ना उत्पादक किसान गन्ना के कम मूल्य के कारण चिन्तित थे तो गन्ना मूल्य अनुदान योजना‘‘ ला कर उन्हें 43 करोड़ से ज्यादा का अनुदान दिलाया।
नीतीश मिश्रा ने आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री रहते अपनी भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि 2008 में कोशी नदी की विनाशक त्रासदी उसी अवधि में सामने आ गई जब मैं मंत्री बना। इस दौरान मैंने बाढ़ में दुर्गम स्थानों पर फंसे पीडि़तों, जिनमें कई बीमार पुरूष एवं गर्भवती महिलाएं भी थीं को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया । उन्होंने लिखा है कि विपदा की उस घड़ी में मैं स्वयं अररिया जिला के प्रभावित गांवों में राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा में जुटा रहा । उल्लेख्य है कि 2008 की कोशी त्रासदी में चलाये गये राहत एवं बचाव कार्य देश का सबसे बड़ा RESCUE OPERATION था ।मेरे द्वारा किये गये प्रयास के कारण हीं MTV द्वारा मुझे देश का Youth Icon चुना गया.