जदयू के निलंबित सांसद अली अनवर अंसारी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 11 करोड़ जनता के मैंडेट (जनादेश) की अंतरात्मा को बेच दिया है। जनादेश का सौदा किया है। यह जनादेश का अपमान है। उन्होंने वर्तमान राजनीतिक परिवेश पर चर्चा करते हुए कहा कि बिहार की जनता ने महागठबंधन को जनादेश दिया था, महागठबंधन को विशाल बहुमत दिया था बिहार के विकास के लिए। लेकिन नीतीश कुमार ने कुर्सी की खातिर भाजपा के साथ समझौता कर लिया।
जदयू के निलंबित सांसद अली अनवर से वीरेंद्र यादव की बातचीत
श्री अंसारी ने कहा कि इस्तीफा देने या भाजपा के साथ गठबंधन करने से पहले नीतीश कुमार ने किसी से सलाह-मशविरा नहीं किया। राष्ट्रीय परिषद या राष्ट्रीय कार्यकारिणी से विचार-विमर्श नहीं किया। पार्टी ने इस संबंध में किसी रूप से उन्हें अधिकृत नहीं किया था। 23 जुलाई को पार्टी की राज्य परिषद और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में होनी थी। लेकिन इसे टाल कर नयी तिथि 19 अगस्त तय कर दी गयी। इस बीच 26 जुलाई को ही नीतीश ने इस्तीफा देकर भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया। सिर्फ एमएलए ही पार्टी नहीं होते हैं। पार्टी का संगठन होता है। नीतीश खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। फिर किसी निर्णय से पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी को विश्वास में क्यों नहीं लिया।
सांसद ने कहा कि नीतीश कुमार ने ही संघमुक्त भारत की बात कही थी। नरेंद्र मोदी की तुलना हिटलर से की थी। भाजपा के साथ नहीं जाने की कसम खायी थी, पर क्या हुआ। फिर भाजपा के साथ चले गये। भाजपा को लाभ पहुंचाना था तो यूपी में चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुनाव से भाग गये और दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को नुकसान पहुंचाना था, तो नगर निगम चुनाव में पार्टी को उतार दिये। व्यक्तिगत रूप से नोटंबदी के विरोधी होने के बावजूद हमने नीतीश कुमार के स्टैंड का पार्टी लाइन के आधार पर समर्थन किया। हमने नीतीश के साथ समन्वय बनाकर चलने का पूरा प्रयास किया, लेकिन अब संभव नहीं था। इस कारण विरोध में खड़ा होना पड़ा। हम किसी भी स्थिति से मुकाबले के लिए तैयार हैं।
साझा विरासत की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सांस्कृतिक विविधताओं का देश है। यही इसकी ताकत है, लेकिन केंद्र की सरकार साझा विरासत पर हमला करने लगी है। धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश कर रही है। वैसे माहौल उसके साथ खड़ा होना संभव नहीं है। साझा विरासत को राष्ट्रव्यापी समर्थन मिल रहा है। नई दिल्ली और इंदौर के बाद 14 सितंबर को साझा विरासत जयपुर में आयोजित की जा रही है। पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में जदयू की ओर से की जा रही कार्रवाई के संबंध में उनहोंने कहा कि हम भी चुनाव आयोग और राज्यसभा के सभापति के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। 17 राज्यों की राज्य परिषद हमारे साथ है। शीघ्र ही पार्टी की राज्य परिषद, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक और खुला अधिवेशन दिल्ली में किया जाएगा। इसमें पार्टी अपनी रणनीति पर चर्चा करेगी। बिहार में पार्टी महागठबंधन के साथ है और गठबंधन कायम है।