पटना के एसएसपी पद से ट्रांस्फर किये जाने के बाद जीतेंद्र राणा ने जेडीयू विधायक अनंत सिंह पर अपहरण और हत्या में शामिल होने संबंधी आरोप को सार्वजनिक कर बिहार सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
17 जून को चार लोगों के अपहरण और उनमें से एक की हत्या के बाद पुलिस ने जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया था, उन्होंने जीतेंद्र राण के समक्ष स्वीकार किया कि मोकामा विधायक अनंत सिंह के इशारों पर हत्या की गयी है.
राणा ने मोतिहारी के एसपी का पद ग्रहण करने से पहले उन आरोपियों को मीडिया के समक्ष पेश किया. इधर राणा के इस खुलासे के बाद जद यू के विधायक अनंत सिंह ने एक दिन की चुप्पी के बाद अपना पक्ष रखा है.
मैंने तो पुलिस की मदद की
अनंत सिंह ने सभी आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा, ‘मुझे फंसाया गया है. मुझे इस बारे में पहले कोई जानकारी नहीं थी. मैं इनमें से किसी को नहीं जानता. एसएसपी को मुझसे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी है. मैंने तो अगवा लोगों को ढूंढ़ने में मदद की थी.’ अनंत सिंह ने कहा कि मामले में उनका कोई हाथ नहीं है और उनके राजनीतिक विरोधी उनके खिलाफ चाल चल रहे हैं.
इस मामले में जीतेंद्र राणा ने कहा कि कुछ दिन पहले एक युवक ने अनंत सिंह के परिवार की महिला के साथ छेड़खानी की थी. इसके बाद अनंत सिंह पर यह आरोप लगाया कि इससे नाराज विधायक ने फब्ती कसने वाले युवक का अगवा करवा दिया और बाद में उसकी हत्या कर दी गयी.
इस नये विवाद में जनता दल यू अनंत सिंह के बचाओ में आ गयी है. पार्टी प्रवक्त राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि अनंत सिंह पर लगे आरोप शुरुआती स्तर के हैं. जब जांच आगे बढ़ेगी तो सारे आरोप बेबुनियाद साबित होने वाले हैं.