भारतीय जनसंचार संस्थान के पत्रकारिता विभाग के अध्यापक आनंद प्रधान ने अमृता राय-दिग्विजय सिंह के संबंधों पर चुप्पी तोड़ी है. वह कहते हैं कि उनका अमृता से संबंध खत्म हो चुका है और लोगों को उनकी गरिमा का ख्याल करना चाहिए. यहां पढिए आनंद प्रधान की पूरी प्रतिक्रिया
एक बड़ी मुश्किल और तकलीफ से गुजर रहा हूँ. यह मेरे लिए परीक्षा की घडी है. मैं और अमृता लम्बे समय से अलग रह रहे हैं और परस्पर सहमति से तलाक के लिए आवेदन किया हुआ है. एक कानूनी प्रक्रिया है जो समय लेती है लेकिन हमारे बीच सम्बन्ध बहुत पहले से ही खत्म हो चुके हैं. अलग होने के बाद से अमृता अपने भविष्य के जीवन के बारे में कोई भी फैसला करने के लिए स्वतंत्र हैं और मैं उनका सम्मान करता हूँ. उन्हें भविष्य के जीवन के लिए मेरी शुभकामनाएं हैं.
मैं जानता हूँ कि मेरे बहुतेरे मित्र, शुभचिंतक, विद्यार्थी और सहकर्मी मेरे लिए उदास और दुखी हैं. लेकिन मुझे यह भी मालूम है कि वे मेरे साथ खड़े हैं. मुझे विश्वास है कि मैं इस मुश्किल से निकल आऊंगा. मुझे उम्मीद है कि आप सभी मेरी निजता (प्राइवेसी) का सम्मान करेंगे. शायद ऐसे ही मौकों पर दोस्त की पहचान होती है. उन्हें आभार कहना ज्यादती होगी.
लेकिन जो लोग स्त्री-पुरुष के संबंधों की बारीकियों और स्त्री के स्वतंत्र अस्तित्व और व्यक्तित्व को सामंती और पित्रसत्तात्मक सोच से बाहर देखने के लिए तैयार नहीं हैं, उसे संपत्ति और बच्चा पैदा करने की मशीन से ज्यादा नहीं मानते हैं और उसकी गरिमा का सम्मान नहीं करते, उनके लिए यह चटखारे लेने, मजाक उड़ाने, कीचड़ उछालने और निजी हमले करने का मौका है.
लेकिन वे यही जानते हैं. उनकी सोच और राजनीति की यही सीमा है. उनसे इससे ज्यादा की अपेक्षा भी नहीं
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