भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल बजाने वाले मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संजीव चतुर्वेदी ने मोदी सरकार के खिलाफ अपनी दूसरी लड़ाई भी जीत ली है। केंद्रीय प्रशासन न्यायधिकरण (कैट) द्वारा केन्द्र और हरियाणा सरकार को नोटिस दिये जाने के बाद श्री चतुर्वेदी को सेलेक्शन ग्रेड में पदोन्नति मिल गई है, जबकि हरियाणा की भाजपा सरकार ने उन्हें पदोन्नति नहीं दी।
2002 बैच के भारतीय वन सेवा के अधिकारी को इस साल एक जनवरी को सेलेक्शन ग्रेड में पदोन्नति मिलनी थी। उसके बाद प्रोमोशन समिति की दो बैठकें (27 जनवरी तथा 16 जून 2015) भी हुई, लेकिन श्री चतुर्वेदी की पदोन्नति नहीं की गई, जबकि उनके बैच के सभी अधिकारियों की पदोन्नति हुई। तब श्री चतुर्वेदी ने 29 जून 2015 को कैट में मुकदमा दायर किया और कहा कि उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भ्रष्टाचार मामला उजागर किया था, इसलिए उन्हें पदोन्नति नहीं दी गयी। कैट ने केंद्र और हरियाणा सरकार को एक जुलाई 2015 को नोटिस जारी कर 24 अगस्त को सुनवाई की तारीख रखी, तब हरियाणा सरकार ने 21 अगस्त को उन्हें पदोन्नति दे दी।