पटना जिले के मोकामा बायपास में शुक्रवार की रात कथित मुठभेड़ में दो लोगों के मारे जाने को लेकर पुलिस की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़ा हो गया है.
मोकामा से दीपक मंडल की रिपोर्ट
इस मामले को मृतक के परिजन न्यायालय में ले जाने की तैयारी में हैं.
हालांकि मोकामा पुलिस इसे मामले को मुठभेर ही करार दे रही है. उसका कहना है कि गाड़ी में बैठे तीन अन्य भाग निकलने में सफल रहे हैं. हालांकि पुलिस अभी तक मृतक के परिजन से यह जानने नहीं पहुंची है कि कथित अपराधी को कैसे मारा गया. वह यह भी नहीं बता रही है कि गाड़ी में अन्य कौन लोग बैठे थे जो भाग निकले. जबकि मृतक के परिजनों का कहना है कि गाड़ी में मानसी सैदपुर के मारे गये राजा यादव के साथ उसी गांव का बमबम मंडल व चन्द्र शेखर यादव भी बैठे थे जो घटना के बाद से फरार हैं.
इस बीच जदयू के विधायक श्याम बहादुर सिंह ने भी इस कथित एनकाउंटर पर संदेह जताया है. कुछ ऐसा ही आरोप राजु सिंह के रिश्तेदारों ने भी लगाया है.
इधर, परिजनों ने दावा किया है कि राजा यादव साढ़े तीन लाख रूपये लेकर स्कार्पियों खरीदने निकला था. रुपये का अता पता नहीं है. उन्होंने बताया कि पुलिस कह रही है कि दोनों को खेत में मारा गया है जबकि सच्चाई यह है कि एनएच 31 पर हत्या कर दोनों युवक को उठाकर खेत मेंले जाया गया था.
परिजनों का इस संबंध में तर्क है कि पुलिसके जूते गिले मिट्टी से सने थे जबकि उनके पुत्र का जूता साफ-सुथरा खेत में पड़ा था. अगर वह खेत में भागा होता तो उसके जूते में भी गिली मिट्टी लगी होती.
परिजनों का यह भी आरोप है कि हत्या के बाद शव को गाड़ी में भी रखा गया था.क्योंकि सीट पर रक्त के धब्बे थे.
इसके अलावा मृत के पिता का कहना है कि पुलिस उनके पुत्र को अपराधी साबित करने में लगी है जबकि उनके पुत्र पर हत्या व मारपीट के जो भी मामले दर्ज हैं, वे गांव के आपसी दुश्मनी को लेकर है. उन्होंने कहा कि पुलिस साबित करे कि राजू सिंह पर डकैती, राहजनी या अन्य ऐसे संज्ञेय अपराध के कौन से मामले दर्ज हैं.
उन्होंने कहा कि जल्द ही वे न्यायालय में इस फर्जी मुठभेड़ को चुनौती देंगे.
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