बिहार के पूर्वी चम्पारण के हरसिद्धि ब्लाक परिसर से राज्य खाद्य निगम के 9 ट्रक अनाज में से कालाबाजारी की खबर जंगल की आग की तरह फैली. पर हुआ क्या.
मोतिहारी से पंकज कुमार
खबर है कि शुक्रवार और शनिवार मध्य रात्रि में 9 ट्रकों से भरा चावल पकड़ा गया. यह अनाज एफसीआई गोदाम से चला था जिसे हरसिद्धि के स्टेट फूड कार्पोरेशन के गोदाम में पहुंचाया जाना था.एएसपी प्रमोद कुमार मंडल को गुप्त सूचना मिली थी कि ट्रक से अनाज गायब किया जा रहा है. इसके बाद मंडल अपनी टीम के साथ वहां पहुंचे और उन्होंने छापामारी की. उन्हें सूचना मिली थी कि हरसिद्धि ब्लाक परिसर से अनाज को गायब किया जा रहा है.
इधऱ अरेराज के डीएसपी आलोक कुमार ने नौकरशाही डॉट इन को बताया है कि पुलिस ने ट्रक को डिटेन करके इसकी सूचना एसडीओ और संबंधित अधिकारियों को दी. इस मामले की जांच की जा रही है. फिलहाल पुलिस ने सभी ट्रकों के ड्राइवर को हिरासत में ले रखा है. मंडल ने बताया कि पुलिस ने ट्रकों से 13 खाली बोरे भी जब्त किये हैं. अरेराज अंचला अधिकारी अनाज का भौतिक सत्यापन कर रहे हैं.
कैसे होता है खेल
पीडीएस अनाज की लूट का खेल काफी बारीकी से चलता है. इसके तहत एफसीआई गोदाम से अनाज उठाया जाता है. फिर इसे स्टेट फूड कार्पोरेशन के गोदाम में भेजा जाता है जहां से आम लोगों को पीडीएस दुकानदार के माध्यम से अनाज वितरण किया जाता है. लेकिन एफसीआई के गोदाम से जो माल चलता है उसमें से बीच में ही अनाज का कुछ हिस्सा अनाज माफिया के हवाले कर दिया जाता है. लेकिन स्टेट फूड कार्पोरेशन के गोदाम में अनाज की इंट्री सही दिखाई जाती है. लेकिन लूट के खेल का बाकी हिस्सा पीडीएस दुकानदारों से साठंगाठ करके अंजाम दिया जाता है. स्टेट फूड कार्पोरेशन पीडीएस दुकानदारों को भौतिक रूप से अनाज की जितनी बोरी देता हैं उससे ज्यादा बोरी का उल्लेख कागज में किया जाता है. बदले में उसके हिस्से के तौर पर कुछ पैसे उसे दे दिये जाते हैं. लेकिन पीडीएस दुकानदार ग्राहकों को पूरा अनाज वितरण नहीं करते. इस तरह अनाज का एक बड़ा हिस्सा माफिया के हवाले कर दिया जाता है और पूरे सिस्टम से जुड़े अधिकारी इस लूट का लाभ उठाते हैं.
ताजा मामले में हालांकि पुलिस को अंदेशा है कि अनाज की लूट हुई है. लेकिन नौकरशाही के विभिन्न स्तर पर जिस तरह से साठ गांठ करके खेल चलता है उससे यह संभावना काफी प्रबल है कि मामला रफादफा कर दिया जाये और कोई गुनाहगार पकड़ा न जाये और लूट का सिसिला बदस्तूर जारी रहे.