हमारे जवान हेमराज के सर की चुनावी नीलामी करनेवाली मोदी सरकार पठानकोट में छह हेमराजों की मौत का न सिर्फ कारण बन गयी बल्कि आतंक से लड़ने का इसका दावा हास्य व गुस्से का भी पात्र बन गया है.

पठानकोट के शहीद
पठानकोट के शहीद

भारती कुमारी

पठानकोट में आतंकी हमला हुआ .शहीद हुए अपने सात जवानों के प्रति मन श्रद्धा और अश्रुपूरित श्रद्धांजलि से गीला हो गया. लेकिन सबसे पहले मोदी जी याद आये, भाषण देते हुए. याद आया लोकसभा चुनाव का वह मंज़र जब लग रहा था कि अगर मोदी जी प्रधानमंत्री बन गए तो गब्बर सिंह की तरह चुन चुन कर मारेंगे , लाहौर में चढ़कर मारेंगे. पर ये क्या ! ये तो केवल घर में ही शेर हैं और बाहर में तो गीदड़ से भी बढ़कर हैं.

बीजेपी जब विपक्ष में थी आतंकवाद पर कितनी लम्बी चौड़ी डींगें हांका करती थी, पर सत्ता में आने के साथ ही सुर और ताल दोनों बदल जाते हैं. इनके पहले कार्यकाल में भी जम्मू में रघुनाथ मंदिर, अहमदाबाद ब्लास्ट, अक्षरधाम जैसी कई आतंकी वारदातें हुईं. अक्षरधाम हमला तो मोदी जी के मुख्यमंत्री वाले आवास के बिलकुल बगल में हुआ. खैर , अभी हम पठानकोट हमले की चर्चा कर रहे .

जवाबदेही

आतंकी छह और हमारे भी  छह जवान शहीद हुए. इसकी जवाबदेही आपको लेनी होगी .जो पंजाब इतने लम्बे अरसे से शांत था , आपके कार्यकाल में अपना प्यारा पंजाब अशांत हो रहा है. साल भर में दो बड़े आतंकी हमले. पहले दीनानगर और अब पठानकोट. हमले की खुफिया सुचना पहले से ही थी. पर आपकी तैयारी का आलम ये था कि आपके गृह सचिव तक को पता नहीं था कि आतंकियों की संख्या कितनी है. अगर आपने उनसे निपटने की पुख्ता तैयारी कर ली होती तो शायद हमारे इतने जवान शहीद नहीं होते.

सुनिये मोदीजी 

आतंकियों का पूरा सफाया हुआ भी नहीं और आपके लोगों ने घोषणा कर दी की उन्हें ठिकाने लगा दिया गया है .आतंकियों के सफाए के बिना आपके तंत्र ने यह घोषणा क्यूँ की कि सब ठीक हो गया . आपके ख़ुफ़िया और मिलिट्री के बीच ऐसी हास्यास्पद केमिस्ट्री दिखी की आतंक से लड़ने की आपकी पूरी तैयारी हास्य और गुस्से का पात्र बन गयी. जब आप विपक्ष में थे आपके तेवर कुछ और थे . विश्वास नहीं होता की हेमराज के सर की चुनावी नीलामी करनेवाला व्यक्ति इतने हेमराजों की मौत का न केवल कारण बनेगा बल्कि हमारे हेमराजों का सर काटनेवालों को मलीहाबादी आम खिलायेगा और उससे गलबहियां करेगा.

कभी आप बोलते हैं कि आतंकवाद और बातचीत दोनों साथ साथ नहीं चल सकते पर अगले ही क्षण आप सारे प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए आधी रात को बिरयानी खाने लाहौर पहुँच जाते हैं. विदेश नीति की तो आपने ऐसी की तैसी कर दी. आजतक ऐसी अर्थहीन और फ़ालतू विदेश नीति हमने न तो देखी और न पढ़ी . ‘’ हम चुप नहीं बैठेंगे’’ ,, ‘’मुंहतोड़ जवाब देंगे ‘’—इस तरह की भाषणबाजी नहीं चाहिए . देश ने आपको कुछ निर्णायक करने के लिए इतना प्रचंड जनादेश दिया है.

भारती कुमारी
भारती कुमारी

लेखिका सामाजिक -राजनीतिक कार्यकर्ता हैं. वह सम-सामियक विषयों पर लिखती हैं. उनसे bhartikumari [email protected] पर संपर्क किया जा सकता है

By Editor


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