मोदी सरकार ने अपने अधिकारियों को एक आदेश दिया है जिसमे कहा गया है कि उन्हें एक टारगेट के अनुसार काम करना होगा और हर महीने तयशुदा शिकायतों को न सिर्फ निपटाना होगा बल्कि उसकी रिपोर्ट भी देनी होगी.
नौकरशाहों के टालू रवैये पर मोदी सरकार ने गंभीर पहल किया है. इसके तहत हर नौकरशाह को हर हफ्ते निर्धारित संख्या में शिकायतों का न सिर्फ निपटारा करना पड़ेगा बल्कि इसकी सूचना सीधे पिएमओ को देनी होगी.
इस आदेश में कहा गया है कि विरष्ठ अफसरों को एक सप्ताह में लगभग 10 से 30 शिकायतों का निवारण करना होगा.इस बारे में कैबिनेट सेक्रेटरिएट से एक ऑर्डर सभी डिपार्टमेंट को भेजा गया है. पीएम मोदी हर महीने यह रिव्यू करेंगे कि जनता की कितनी शिकायतों का निपटारा किया गया।
जैसा पद वैसे टार्गेट
नए ऑर्डर के मुताबिक ज्वाइंट सेक्रेटरीज को एक महीने में लोगों से जुड़ी 120 शिकायतों पर हुई कार्रवाई के बारे में रिपोर्ट देनी होगी. वहीं, एडिशनल सेक्रेटरीज को 80 शिकायतों पर हुए काम के बारे में बताना होगा. सेक्रेटरीज को 40 शिकायतें एक महीने में दूर करने का टारगेट रखा गया है।
पीएमओ को मिल रही थीं शिकायतें
पीएमओ को फीडबैक मिल रहा था कि लोगों से जुड़े मुद्दों पर सही तरीके से और टाइमलाइन में काम नहीं कर रहे हैं। यह नया टारगेट ई-समीक्षा पोर्टल में एड किया गया है, जहां पीएम खुद मॉनीटर कर सकेंगे। अगर जरूरत पड़ती है तो अलग-अलग टारगेट पर मिनिस्ट्री के परफॉर्मेंस पर सवाल भी खड़े कर सकते हैं।
ध्यान रहे कि जनवरी की मीटिंग में पीएम ने सभी सेक्रेटरीज को शिकायतों का उचित प्रबंधन करने के लिए एक सिस्टम बनाने को कहा था। इसमें उन डिपार्टमेंट्स पर ज्यादा ध्यान देने पर जोर दिया गया, जो पब्लिक से सीधे डील करते हैं।