आइपीएल के पहले कमिश्नर रहे ललित मोदी की मदद करने के मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विवादों में घिरती नजर आ रही हैं। सुषमा स्वराज ने स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने आईपीएल के फाउंडर और प्रवर्तन निदेशालय के अपराधी ललित मोदी को ट्रैवल डॉक्युमेंट्स दिलवाने में मदद की थी। सुषमा ने यह भी साफ किया है कि उन्होंने मानवीय आधार पर ऐसा किया।
न्यूज चैनल ‘टाइम्स नाउ’ के खुलासे पर उन्होंने माना है कि वह जुलाई 2014 में ललित मोदी के संपर्क में थी। उन्होंने ट्विट में लिखा है कि जुलाई 2014 में ललित मोदी ने मुझसे बात की और बताया कि उनकी पत्नी कैंसर से पीड़ित हैं। उनकी सर्जरी पुर्तगाल में 4 अगस्त को थी। सुषमा ने लिखा है कि उन्होंने मुझे बताया कि हॉस्पिटल में कॉन्सेंट पेपर साइन करने के लिए उन्हें मौजूद रहना होगा। ‘टाइम्स नाउ’ के खुलासे से यह पता चला है कि 2013 में लोकसभा में विपक्ष के नेता पद पर रहते हुए सुषमा स्वराज ने अपने एक रिश्तेदार का ब्रिटेन में ऐडमिशन करवाने के लिए करप्शन के आरोपी ललित मोदी की मदद ली थी। इसी काम के बदले सुषमा पर ललित मोदी की मदद करने के आरोप लग रहे हैं।
जिस वक्त का यह मामला है, उस दौरान ललित मोदी को प्रवर्तन निदेशालय फेमा के उल्लंघन मामले में तलाश कर रहा था। ललित मोदी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय का नोटिस आज भी अस्तित्व में है। सुषमा स्वराज ने भी माना है कि विदेश मंत्री बनने के बाद वह जुलाई 2014 में ललित मोदी के संपर्क में थीं। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि सुषमा स्वराज का ललित मोदी की मदद करना एक गंभीर मामला है।