दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित पर्यावरण मंत्रियों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सह पर्यावरण व वन मंत्री सुशील कुमार मोदी ने जहां बिहार के शहरों को भी ‘राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम’ में शामिल करने की मांग की जिसे केन्द्रीय पर्यावरण व वन मंत्री डा. हर्षबर्द्धन ने स्वीकार कर लिया.
वहीं उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केम्पा फंड की नियमावली जल्द अधिसूचित करें जिससे बिहार जैसे राज्य इसमें जमा 50 हजार करोड़ में से करीब 450 करोड़ का उपयोग कर सके।
श्री मोदी ने उग्रवाद प्रभावित 13 जिलों के अलावा गैर उग्रवाद वाले जिलों में भी सड्क निर्माण के लिए 40 हेक्टेयर तक वन भूमि का फाॅरेस्ट क्लीयरेंस तथा 15 वर्ष से पुराने डीजल वाहनों को प्रतिबंधित करने का अधिकार राज्यों को देने की मांग की।
उन्होंने बताया कि वन भूमि की गैरवानिकी इस्तेमाल के लिए दी गई क्षतिपूर्ति राशि के तौर पर के म्पा फंड में करीब 50 हजार करोड़ रुपये जमा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देष पर नियमावली बनने तक राज्य केवल इसके 10 प्रतिशत का ही इस्तेमाल कर पाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर जल्द ही इसकी नियमावली अधिसूचित होने वाली है। इसके बाद बिहार करीब 450 करोड़ रुपये तथा अन्य राज्य भी शेष 90 प्रतिशत राशि का उपयोग कर पायेंगे।
पर्यावरण की दृष्टि से परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान करने वाली राज्य पर्यावरण प्रभाव आंकलन समिति का गठन अब राज्य अपने स्तर से कर सकेगा तथा इसके लिए केन्द्र की अनुमति लेने की आवष्यकता नहीं होगी।