नरेंद्र मोदी को टोपी पहनाने की कोशिश से चर्चा में आये इमाम ने यह कह कर सनसनी फैला दी है कि मोदी की सभा में मजदूरों को 200 रुपये देकर टोपी पहना कर लाया गया था.
नरेंद्र मोदी के जन्म दिन पर जहां कुछ लोग उनका गुणगान कर रहे हैं वहीं उन्हें टोपी पहनाने की कोशिश करने वाले इमाम ने उन पर धावा बोल दिया है.
इमाम शाहिद सईद ने अहमदाबाद में कहा कि मोदी को अल्पसंख्यकों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है.
मालूम हो कि इमम शाहिद सईद वही हैं जिन्होंने सद्भावना रैली के दौरान मोदी को एक टोपी पहना कर सम्मानित करने की कोशिश की थी.
जीन्यूज डॉट इंडिया डॉट कॉम के अनुसार शाहिद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा मैं बड़ी उम्मीदों के साथ सद्भावना रैली में गया था और मैंने उन्हें( मोदी को) टोपी पहना कर सम्मानित करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने मुझसे कहा कि वह टोपी नहीं पहनते. यह प्रमाणित करता है कि उन्हें मुसलमानों के प्रति सहानुभूति नहीं है. वह सेक्युलर नहीं हैं.
शाहिद सईद ने यह भी कहा कि उस रैली में जिन लोगों ने टोपी पहन रखी थी वह दिहाड़ी मजदूर थे जिन्हें 200 रुपये देकर टोपी पहना कर लाया गया था. वे मुसलमान भी नहीं थे.
सईद की यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब भाजपा मुसलमानों को अपने करीब लाने का प्रयास कर रही है.पार्टी ने अपने ‘नए नेता’ के जन्मदिन का राजनैतिक लाभ उठाने के लिए कम से कम एक लाख मुस्लिम युवाओं को पार्टी का सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है.