वामपंथी दलों की गोलबंदी भाजपा सरकार के खिलाफ शुरू हो गयी है। मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सभी वामपंथी दल 26 नंवबर को देशभर में प्रतिरोध दिवस मनाएंगे। इसके बाद 5 दिसंबर को सभी राजयों में प्रदर्शन व रैली का आयोजन किया जाएगा। माकपा के महासचिव प्रकाश कारत ने आज पटना में पत्रकारों से कहा कि पिछले पांच माह के दौरान भाजपा की सरकार ने मनरेगा में कटौती करने का निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय पर ग्रामीण मंत्रालय ने भी अपनी मुहर लगा दी है, जिसके कारण गरीबों को रोजगार से वंचित होना पड़ रहा है ।
नौकरशाही डेस्क
माकपा महासचिव ने कहा कि जनता दल परिवार के एक साथ आने का वह स्वागत करते है। इससे विपक्ष मजबूत होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि वामपंथी दल जनता दल परिवार के तालमेल पर नजर बनाये हुए है और समय आने पर उनकी पार्टी उसके साथ संबंधों पर निर्णय लेगी। श्री कारात ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार जमीन अधिग्रहण के कानून में संशोधन कर इसे भी तोड़ मरोड़ कर लाने का प्रयास कर रही है जिसके कारण किसानों और जमीन मालिकों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिल पायेगा। केन्द्र सरकार देश के पूंजी पतियों के हित में जमीन अधिग्रहण कानून को कमजोर करने लगी है।
श्री कारात ने कहा कि बिहार में दलितों और महादलितों पर अत्याचार जहां बढ़ा है। वहीं सामूहिक बलात्कार की घटनाएं भी बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की केन्द्र में सरकार बनने के बाद से सामंती शक्तियां बढ़ी हैं और बिहार सरकार राज्य में इसे रोकने में विफल साबित हो रही है । दलित-महादलितों का शोषण हो रहा है और इस पर केन्द्र और राज्य सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।
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