पीएम नरेंद्र मोदी के‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’के दावे को करारी चुनौती देते हुए आरोप लगाया गया है कि काबीना मंत्री नितिन गड़करी ने दस हजार करोड़ का ठेका अपने कारोबारी साझेदार के हवाले कर दिया है.
इस ठेके के निबटारे में नियमों का घोर उल्लंघन किया गया है. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इस मामले में एक पत्र पीएम मोदी को भेजा है और कहा है कि इस मामले की सीबीआई जांच करायी जाये.
पत्रिका डॉट कॉम ने इस खबर के बारे में लिखते हुए दिग्विजय सिंह का हवाला दिया है. दिग्विजय सिंह का आरोप है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जोजिला दर्रे में सुरंग बनाने का दस हजार 50 करोड़ रुपए का ठेका अपने कारोबारी साझेदार दत्तात्रेय महेशकर की कंपनी आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर को दिया है.महेशकर की कंपनी ने गडकरी की कंपनी पूर्ति ग्रुप के शेयर भी खरीदे थे और गडकरी के बेटे निखिल गडकरी 2009 से 2011 के दौरान आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर की सहयोगी कंपनी आइडल एनर्जी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड में निदेशक भी रहे.
दिग्विजय का आरोप है कि प्रोजेक्ट से संबंधित दस्तावेज इस तरह से तैयार किए गए थे कि ठेका सिर्फ मंत्री के चहेते को मिल सके।
पत्र में कहा गया है कि यह ठेका केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करके दिया गया है और सिंह ने इस बारे में सीवीसी को भी सूचित कर दिया है.
कंपनी के मालिक से गडकरी के बेटे के गहरे संबंध हैं। आईआरबी को ही परियोजना का ठेका मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए ठेके में शुरुआत में शामिल हुई आईएलएफएस, एचसीसी, एलएंडटी जैसी सभी अन्य कंपनियों को बाहर होने के लिए कहा गया था.
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