मोदी के ‘मन की बात’ के उलट बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादवन ने ‘दिल की बात’ की है. फेसबुक पर लिखे अपने बयान में उन्होंने भाजपा पर जम कर हमला बोला है.
तेजस्वी यादव ने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा है कि विपक्षी दल द्वारा चुने गये गाय और पाकिस्तान जैसे मुद्दों का जनता ने जे हश्र किया उसे उनके अलावा कोई नहीं जानता.
इतना ही नहीं तेजस्वी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी इशारों में हमला किया है.
उन्होंने जनता का आभार जताते हुए कहा कि आप सब की लगन, प्यार, समर्थन और अथक परिश्रम के फलस्वरूप मुझे अहम ज़िम्मेदारी मिली है | हम सबके लिए असली संघर्ष का समय अब शुरू हुआ है जब हमें दुगने उत्साह और समर्पण के साथ बिहारवासियों की सेवा करनी है |
फेसबुक पर जारी एक हजार शब्दों से भी ज्यादा लम्बे वक्तव्य में तेजस्वी ने पार्टी की जीत श्रेय समर्थकों और कार्यकर्ताओं को देते हुए कहा की हमारी जीत श्रेय उन आलोचकों को भी जाता है जिन्होंने अपने नकारात्मक बयानों और आलोचनाओं से मुझे आत्मचिंतन एवम मनन करने के साथ-साथ और अधिक परिश्रम करने के लिए प्रेरित व उत्साहित किया | मुझे इस मंजिल तक पहुँचाने के लिए मैं तहे दिल से उन सबका शुक्रगुजार हूँ |
मोदी पर इशारों में किया हमला
तेजस्वी ने लिखा है कि एक विराट व्यक्तितव के पुत्र होने के नाते वंचितों की आकांक्षों और उम्मीदों की अहम जिम्मेवारी का अहसास बोध भी मुझे था | राजनीति में आलोचना करना स्वाभाविक है, शायद ज़रूरी भी |
हालांकि तेजस्वी ने इस बयान में कहीं भी पीएम नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि विपक्ष के वरिष्ठ से वरिष्ठ नेताओं ने जिस तरह के निम्न स्तर की बातें करके ना सिर्फ भावनाएँ आहत कीं, बल्कि लोकतान्त्रिक मर्यादाओं को भी तार तार किया, इससे मैं स्तब्ध रह गया | जितनी मेरी उम्र नहीं उतना उन नेताओं को सता का अनुभव है और वो नेता निम्नस्तर पर जाकर अनर्गल बयानबाज़ी करता है तो समझिये और जानिए वो आने वाली पीढ़ी को लोकतंत्र का क्या पाठ पढ़ा रहा है?
तेजस्वी ने विरोधियों को आड़े हाथे लेते हुए लिखा है कि निजी आक्षेप लगाना, कारण जानने के बावजूद विभिन्न मुद्दों पर मज़ाक बनाना, और राजनीति की भाषा को इसके निम्नतम स्तर पर ले जाना भारत के राजनीतिक पटल पर दिग्गज के रूप में स्थापित प्रतिष्ठित नेताओं को शोभा नहीं देता है |
क्रिकेट से आमदनी
तेजस्वी ने कहा कि यह जानते हुए कि मैं शुरू से ही क्रिकेट में रूचि रखता था और क्लब क्रिकेट, अंडर 15, अंडर 19, आईपीएल और रणजी ट्रॉफी में नियमित रूप से भाग लेने के कारण मेरा पूरा ध्यान खेल पर था और उस वक़्त वही मेरी विशेषज्ञता थी, सब जानते है क्रिकेट में बाकी खेलों के मुकाबले ज्यादा वेतन मिलता है इसके बावजूद चुनावी शपथ पत्र में मेरे द्वारा दिखाई गई वास्तविक राशि को भी विपक्षी लोगों द्वारा मुद्दा बनाने की कोशिश की गई.
लोकतंत्र में किसी के किये गए कार्यो की सराहना या भर्त्सना होनी चाहिए और उसकी योग्यता उसकी कार्य क्षमता से आंकनी चाहिए ना की उसकी डिग्रियों से | उपेक्षित, उत्पीड़ित, भूखे ,नंगे, वंचित, शोषित, मजलूमों ,दलितों और गरीबों के हित में योजनाये बनाने के लिए किसी स्कूल या कालेज जाने की जरूरत नहीं होती .सवैंधानिक पद पर बैठकर जब आपको मजलूम समुदाय के लिए योजनाये बनानी होती है तो आपका उनके बीच रहकर जीने की और उनकी समस्याओं को जानने की, समझने की योग्यता ही काफी है | वैसे भी इन मुद्दों का जनता की भलाई और बुराई से कोई सरोकार नहीं | जनता चाहती है कि प्रत्याशी उनके मुद्दों पर चुनाव लड़े, खुद प्रत्याशियों द्वारा चुने गए मुद्दों पर नहीं |
गाय और पाकिस्तान ने किया बेड़ गर्क
हमारे मुख्य विपक्षी दल द्वारा चुने गये गाय और पाकिस्तान जैसे मुद्दों का जनता ने क्या हश्र किया वो विपक्षी से ज्यादा शायद ही कोई ओर जानता हो. मैं आशा करता हूँ कि बिहार की न्यायप्रिय जनता ने अपने बहुमत के माध्यम से जो कड़ा पाठ विपक्षी दलों को सिखाया है वो उससे जरुर सीखने का प्रयास करेंगे एवम अपनी स्थापित नकारात्मक धारणाओं को ध्वस्त करने का प्रयत्न करेंगे | मेरा सीधा एवम स्पष्ट मानना है कि कुंठा और पूर्वाग्रह से ग्रस्त लोग बिहार का विकास नहीं रोक सकते |
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