प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे पर आटोग्राफ देने से खासा बवाल मच गया है और ट्विटर पर इसे लेकर प्रतिक्रिया जताने वालों का तांता लग गया है। कांग्रेस ने मौका न चूकते हुए जहां इसे लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा, वहीं कयी पत्रकारों और बुद्धिजीवियों का कहना था कि मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है।
मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेने न्यूयार्क गए श्री मोदी ने वहां अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को भेंट किए जाने वाले तिरंगे झंडे पर अपना ऑटोग्राफ दे दिया था। यह तिरंगा झंडा दुनिया की नामी गिरामी 500 कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की मेजबानी के लिए श्री मोदी की ओर से कल यहां आयोजित रात्रि भोज के मौके पर उनकी खातिरदारी के लिए खासतौर पर नियुक्त किए गए सुपर शेफ विकास खन्ना के जरिए श्री ओबामा तक पहुंचाया जाना था। मीडिया में जैसी ही यह खबर लीक हुयी हंगामा मच गया और तिरंगा विकास खन्ना से वापस ले लिया गया। लेकिन सोशल मीडिया पर यह वायरल हो गया। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मौका न चूकते हुए प्रधानमंत्री पर इसे लेकर सीधा निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा, “राष्ट्रीयता की दलील देने वालों से राष्ट्रध्वज का ऐसा अपमान किए जाने की उम्मीद नहीं रहती। जो लोग हर वक्त राष्ट्रीयता की हामी भरते हैं, उन्हें ऐसी बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट संदेश में कहा कि क्या प्रधानमंत्री ने राष्ट्रध्वज के लिए बनाए गए कानून की विभिन्न धाराओं को ध्यान से पढ़ा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने लिखा कि ऐसा किया जाना अनियंत्रित मानसिक दशा की निशानी है जो अंहकार से उपजती है। राष्ट्रीय प्रतीकों के लिए जब तक कानून है, उसका पूरा पालन होना चाहिए।