पीएम नरेंद्र मोदी ने पटना में बिहार के सीएम को सम्मान से ‘नीतीशजी’ कहा और मुजफ्फरपुर पहुंचते हैं उनके डीएनए को ही गड़बड़ बता कर उन्हें अपमानित कर दिया.
माना जा रहा है कि मोदी की इस टिप्पणी से हंगामा खड़ा हो सकता है.
मोदी ने कहा- क्या राजनीति में इतनी छुआछूत होती है? टेबल पर परोसी हुई थाली खींच लेना? इससे बहुत ठेस लगी थी। लेकिन जब जीतन राम मांझी पर जुल्म हुआ तो मैं बेचैन हो गया। एक चाय वाले के बेटे की थाली खींच ली तो क्या हुआ? लेकिन जब महादलित की थाली खींच ली तो मुझे लगा कि इनके डीएनए में ही गड़बड़ी है।
गौरतलब है कि पटना के एक कार्यक्रम में पीएम मोदी सीएम नीतीश के साथ एक ही मंच पर बैठे थे. काफी देर तक दोनों मुस्कुरा कर और एक दूसरे को सम्मानित लहजे में संबंधित किया. तब ऐसा लगा कि राजनीतिक अदावत व्यक्तिगत संबंधों से परे है. लेकिन महज चार घंटे बाद जब मोदी पटना से मुजफ्फरपुर पहुंचे तो सारा नजारा बदल गया. मोदी ने नीतीश पर खूब भड़ास निकाली. ऐसा लग रहा था जैसे उन्होंने पटना में खुद को नियंत्रित कर रखा था. लेकिन उनका पूरा भड़ास मुजफ्फरपुर आते आते निकल गया.
पटना में तारीफ, मुजफ्फरपुर में आलोचना
मुजफ्फरपुर में एनडीए की परिवर्तन रैली में आते ही उन्होंने नीतीश पर निशाना साधा। कहा- जो कभी मेरे ट्वीट का मजाक उड़ाते थे, मुझसे कहते थे कि बिहार मत आओ, आज उन्होंने मेरा स्वागत किया. जीतनराम मांझी को हटाए जाने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश के डीएनए ही गड़बड़ है.मोदी ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को भी आड़े हाथ लिया. बोले- आरजेडी यानी रोजाना जंगलराज का डर.
नीतीश पर मोदी के भड़ास निकालने का सिलसिला यहीं नहीं रुका. उन्होंने आगे कहा मैं समझ सकता हूं कि एक व्यक्ति के लिए नाराजगी हो सकती है. मेरा चेहरा पसंद न आता हो. लेकिन अरे भाई इतना मैं बुरा था, कमरे में आकर एक चांटा मार देते, गला घोंट देते. एक व्यक्ति के प्रति गुस्से में आ कर पूरे विकास यात्रा का गला घोंट दिया. अगर ऐसे लोग सरकार बनाएंगे और दिल्ली से कोई नाता ही नहीं रहेगा तो बिहार का भला होगा क्या?