नरेंद्र मोदी ने पटना की हुंकार रैली में नीतीश कुमार को हिपोक्रेट तक कह डाला पर भाषण के दौरान उनका नाम तक नहीं लिया.
उन्होंने अपने सम्बोधन में नीतीश को 8 बार ‘ मित्र मुख्यकमंत्री’ कहा पर ठीक उसी तरह उनका नाम नहीं लिया जिस तरह नीतीश कुमार अपने संबंधनों में कभी मोदी का नाम नहीं लेते.
मोदी ने अपने भाषण की शुरूआत भोजपुरी में लिखे भाषण से की. फिर मैथिली में भाषण पढ़े और मगही में भी कुछ वाक्य कहे. मोदी ने बिहार में लालू प्रसाद के यादव जाति पर पकड़ को कमजोर करने के लिए खास कर यदुवंशियों का खुद को रक्षक भी कहा.
मोदी ने नीतीश द्वारा एनडीए से अलग होने को विश्वासघात बताते हुए कहा कि यह भाजपा से विश्वासघात नहीं बल्कि बिहार की जनता से विश्वासघात है. मोदी ने नीतीश का मजाक उड़ाते हुए कहा कि मुख्यमंत्रियों की बैठक में ( मित्र मुख्यमंत्री) वह दिल्ली में एक बार हमारे टेबल पर बैठे थे. भोजन परोसा गया पर वह खा नहीं रहे थे. कभी इधर तो कभी उधर देख रहे थे. तब मैंने उनसे कहा कि खा लीजिए यहां कोई कैमरा वाला नहीं है. मोदी ने कहा यह कितना हेपोक्रेटिक बात है.
मोदी ने अपने भाषण में कहीं भी पटना में हुए बमविस्फोट का उल्लेख नहीं किया.
उन्होंने रैली में आये लोगों से कहा कि बिहार की चालीस की चालीस सीट भाजपा की झोली में डालने का आश्वासन दें. लोगों ने हां में हाथ हिलाया.
मोदी ने राहुल गांधी के बारे में कहा कि कांग्रेस के लोग कहते हैं कि मैं उन्हें शहजादा कहना छोड़ दूं. मोदी ने कहा कि मैं एक शर्त पर उन्हें शहजादा कहना छोड़ दूंगा जब कांग्रेस वंशवाद की राजनीति छोड़ देगी. इस अवसर पर भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह, अरुण जेटली समेत अनेक लोगों ने भाषण दिये. बम विस्फोट के चलते रैली से हजारों लोग दहशत के कारण चले गये
भाजपा नेताओं ने हालात की नजाकत को भांपते हुए रैली को समय से पहले ही समाप्त कर दिया.