पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने आज आरोप लगाया कि दस्तावेजी सबूत हैं कि राष्ट्रीय जनता दल के बाहुबली पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन को सरकार ने जमानत दिलाने में मदद की है, जिसके कारण वह 11 वर्ष के बाद जेल से बाहर आ पाये।
श्री मोदी ने पटना में कहा कि मो.शहाबुद्दीन ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर पूरी शासन व्यवस्था को अपने पक्ष में किया और इसी का नतीजा है कि एक मुकदमे को छोड़कर सीवान में चल रहे अन्य सभी मामलों में पिछले तीन साल से सुनवाई स्थगित है। उन्होंने कहा कि एक सोची समझी रणनीति के तहत मुकदमों की सुनवाई नहीं करायी गयी, ताकि मो.शहाबुद्दीन को इसका लाभ मिल सके और यही हुआ जब तेजाब हत्याकांड में उच्च न्यायालय ने बचाव पक्ष की इस दलील को स्वीकार कर मो.शहाबुद्दीन को जमानत दे दी कि निचली अदालत में इस मामले में चल रही सुनवाई में कोई प्रगति नहीं है। ऐसे में हत्या के षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप में उन्हें जेल में लंबे समय तक रखा जाना सही नहीं है।
भाजपा नेता ने कहा कि मो.शहाबुद्दीन ने सोची समझी रणनीति के तहत अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सीवान की अदालत में आवेदन दिया था कि वह गरीब है और उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह अपने खर्चे पर मुकदमा लड़ सकें। इसलिए उनके मामलों की पैरवी के लिए उनकी पसंद का वकील नियुक्त कराया जाये, जिसकी फीस विशेष लोक अभियोजक के समतुल्य होगी। उन्होंने कहा कि वास्तविकता उसके ठीक उलट है। मो.शहाबुद्दीन और उनकी पत्नी हिना शहाब के पास करोड़ो रुपये की सम्पत्ति है और इस संबंध में उनके द्वारा चुनाव लड़ते समय शपथ पत्र के जरिये की गयी घोषणा, इसका प्रमाण है।