लोकसभा के गठन को आठ महीने बीत जाने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई मंत्रियों और लोकसभा के ज्यादातर सांसदों ने अभी तक सांसद विकास निधि से एक रुपया तक खर्च नहीं किया है.
अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की खबर के मुताबिक, केंद्र शासित प्रदेशों समेत देश के सभी 36 राज्यों में से सिर्फ 10 के ही सांसदों ने अपनी सांसद निधि से काम शुरू किया है.
याद रखने की बात है कि यह हाल तब है जब भारतीय नजता पार्टी समेत तमाम दलों ने लोकसभा चुनाव विकास के नाम पर लड़ा. इतना ही पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की कि हर सांसद एक गांव को गोद लेंगे और उसका विकास करेंगे.
इसी तरह दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, असम और हिमाचल समेत कई राज्यों के सांसदों ने अभी तक अपने इलाकों में विकास कार्यों के लिए फंड खर्च करना शुरू नहीं किया है. मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिसटिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लिमेंटेशन जानकारी पर टाईम्स ऑफ इंडिया ने खबर दी है कि मई 2014 से 1 जनवरी 2015 के बीच सांसदों को कुल 1242.50 करोड़ रुपये एमपी लैड स्कीम के तहत पहली किश्त के रूप में मिल चुके हैं.
पीएम मोदी बनारस से सांसद हैं और इन्हें सबसे ज्यादा 197.50 करोड़ रुपये मिले हैं, लेकिन 8 महीने से किसी भी सांसद ने विकास कार्य के लिए पैसा खर्च नहीं किया है.